नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार प्रशांत भूषण के पास माफी मांगने का आज आखिरी दिन है. वर्तमान और चार पूर्व चीफ जस्टिस पर विवादित ट्वीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया था और बिना शर्त 24 अगस्त तक माफी मांगने की मोहलत दी थी. प्रशांत भूषण अगर माफीनामा जमा करते हैं तो उसपर 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी माना है. इस मामले में अधिकतम छह महीने की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट सांकेतिक सजा भी दे सकता है.
क्या है पूरा मामला?
27 जून को किए गए एक ट्वीट में प्रशांत भूषण ने 4 पूर्व चीफ जस्टिस को लोकतंत्र के हत्या में हिस्सेदार बताया था. 29 जून को उन्होंने बाइक पर बैठे वर्तमान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की तस्वीर पर ट्वीट किया था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे आम लोगों के लिए बंद कर दिए हैं. खुद बीजेपी नेता की 50 लाख की बाइक की सवारी कर रहे हैं.
बाद में इस ट्वीट पर कोर्ट में सफाई देते हुए प्रशांत भूषण ने माना था कि तथ्यों की पूरी तरह से पुष्टि किए बिना उन्होंने तस्वीर पर टिप्पणी की. लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उनकी भावना सही थी. वह आम लोगों को न्याय दिलाने को लेकर चिंतित हैं. 4 पूर्व चीफ जस्टिस पर किए गए ट्वीट के बारे में उन्होंने सफाई दी थी कि पिछले कुछ सालों में सुप्रीम कोर्ट कई मौकों पर वैसी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है, जिसकी उम्मीद की जाती है. कोर्ट ने प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण को नामंजूर करते हुए 14 अगस्त को उन्हें अवमानना का दोषी करार दिया था.
भूषण ने माफी मांगने से मना किया
कोर्ट की तरफ से सुनवाई टालने की अर्जी नामंजूर हो जाने के बाद सजा पर बहस शुरू हुई. सबसे पहले खुद प्रशांत भूषण ने अपनी बात रखी. उन्होंने एक लिखित बयान पढ़ते हुए कहा, “मैं इस बात से दुखी हूं कि मेरी बात को नहीं समझा गया. मुझे मेरे बारे में की गई शिकायत की कॉपी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई. मैं सजा पाने को लेकर चिंतित नहीं हूं. मैंने संवैधानिक जिम्मेदारियों के प्रति आगाह करने वाला ट्वीट कर नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य निभाया है."
भूषण ने माफी मांगने से इनकार करते हुए महात्मा गांधी के एक बयान का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपिता ने एक बार कहा था, मैं रहम की गुहार नहीं करूंगा. कानूनी तौर पर मुझे जो सजा दी जा सकती है, वह मुझे मंजूर होगी."
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