नई दिल्ली: नॉर्थ कैंपस में कल झड़प में घायल हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर प्रशांत चक्रवर्ती ने आज आरोप लगाया कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे.


डीयू में एसोसिएट प्रोफेसर चक्रवर्ती ने कहा कि कल झड़प के दौरान उन पर हमला करने वाले छात्र नहीं, बल्कि ‘एक तरह के भाड़े के गुंडे’ लग रहे थे.


उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘ये पूरी तरह से ध्रुवीकरण है. पूरे देश में ऐसा ही तरीका सामने आ रहा है और ये कुछ यूनिवर्सिटीज़ तक सीमित नहीं है.’


आरोपों को खारिज करते हुए डूसू की उपाध्यक्ष और एबीवीपी की सदस्य प्रियंका चावड़ी ने दावा किया कि आइसा से सम्बद्ध छात्रों ने ‘भारत विरोधी’ नारे लगाए और एबीवीपी कार्यकर्ताओं को उकसाया जिनकी संख्या वहां ‘दस-बीस’ से अधिक नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास इसे साबित करने के सबूत हैं. एबीवीपी तो इस मामले में थी ही नहीं.’


क्या है मामला?
एबीवीपी ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने डीयू के रामजस कॉलेज में भी देश विरोधी नारे लगाए हैं, लेकिन आइसा ने आरोपों से इन्कार किया है. वहीं आज कॉलेज में दिन भर के लिए क्लासेज सस्पेंड कर दी गई हैं.


दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मौरिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. हमले के दौरान आठ पुलिस वाले और 11 छात्र घायल हो गए थे. इस मामले में डीसीपी ईशा पांडे्य को इन्क्वायरी सौंपी गई है.


35 सेकेंड का एक वीडियो ट्विटर पर कल रात 9 बजे एबीवीपी के नेता साकेत बहुगुणा ने जारी करते हुए दावा किया कि वीडियो दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज कैंपस का हैं और इसमें वामपंथी छात्र देश विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं. वीडियो आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने जारी किया है और ABP न्यूज़ वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता.


क्या है घटनाक्रम?
रामजस कॉलेज के इतिहास विभाग ने मंगलवार से दो दिन का सेमिनार ‘कल्चर ऑफ प्रोटेस्ट’ आयोजित किया था. पहले दिन इसमें जेएनयू के विवादित छात्र उमर खालिद और जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व सदस्य शेहला राशिद को भी बुलाया गया था. लेकिन एबीवीपी के विरोध में उतर आने की वजह से मंगलवार का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था.


हालांकि मामला शांत नहीं हुआ. बुधवार को एबीवीपी और आइसा के छात्र आमने सामने आ गए और मारपीट हो गई. इस मामले में आठ पुलिस अफसर भी घायल हैं, जिसे लेकर अज्ञात लोगों पर दंगे करने और ड्यूटी से रोकने का केस दर्ज हुआ है. इस झड़प में पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया. उनके साथ भी मारपीट की गई. अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं.