बिहार के मुसलमानों को लेकर क्या बोल गए प्रशांत किशोर? सुनकर लालू-नीतीश हो जाएंगे परेशान
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि बिहार में जिन गांवों में मुस्लिमों की आबादी 3000 से ज्यादा है, वहां बदहाली ज्यादा है, क्योंकि जदयू-बीजेपी और राजद और कांग्रेस ये सभी इन गांवों पर ध्यान ही नहीं देते.
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जनसुराज यात्रा निकाल रहे हैं. वे लगातार स्थानीय मुद्दों का जिक्र कर मौजूदा और पिछली सरकारों को घेर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने अब बिहार में मुसलमानों की बदहाली पर सवाल उठाया है.
प्रशांत किशोर ने कहा, जो मुसलमानों के बड़े गांव हैं, जिसकी आबादी 3 हजार से ज्यादा है. बिहार तो पूरा ही बदहाल है. लेकिन बिहार के मुसलमानों के जो बड़े गांव हैं, वहां पर मुझे सबसे ज्यादा गरीबी फटेहाली दिखी. मैंने गौर किया कि ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिए है, जो 3000 से ज्यादा आबादी वाले गांव हैं, उनकी सियासी तौर पर पहचान कर ली गई है. जब कोई बीजेपी और भाजपा का विधायक जीतकर आता है तो वह तय कर लेता है कि वह उस गांव की ओर मुंह भी न करे, वहां जाए भी न और वहां काम भी न करे.
'RJD-कांग्रेस भी नहीं करा रही विकास'
चुनाव रणनीतिकार पीके ने कहा, लेकिन वहां आरजेडी और कांग्रेस का जीतकर आता है, तो वह कहता है कि ये 3000 वोट तो अपने पास है ही, ये कहां जाएगा. इसलिए बगल के गांव में काम कराओ.
इतना ही नहीं जनसुराज यात्रा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, अगर आप लोगों को मुझपर भरोसा नहीं है, तो मेरे साथ चंपारण चलिए. बिना आंकड़ा देखे हुए वहां कोई सबसे पिछड़ा प्रखंड है तो वह मझौलिया प्रखंड है. क्योंकि वहां मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है. इसी तरह सीतामढ़ी में सबसे पिछड़ा प्रखंड बर्गेनिया है, वहां एक लाख से ज्यादा मुसलमान हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में किसी भी जिले के सबसे पिछड़े प्रखंड पर उंगली डालेंगे, तो वहां सबसे ज्यादा मुसलमानों की आबादी मिलेगी.
प्रशांत किशोर लगातार जन सुराज यात्रा के दौरान लालू यादव और नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं. पीके की पार्टी जनसुराज पार्टी बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव लड़ेगी.