Prashant Kishor On Nitish Kumar: केंद्र में लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनी है, जिसमें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) किंग मेकर की भूमिका में है. इसके बावजूद नीतीश कुमार की पार्टी को केंद्र में कोई बड़ा मंत्री मंडल नहीं मिला है. यह कयास लगाए जा रहे थे कि जदयू स्पीकर के पद की मांग कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस बीच जनसुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर नीतीश कुमार ने किसी बड़े पद की मांग क्यों नहीं की.


नीतीश कुमार ने क्यों नहीं मांगा बड़ा मंत्रालय?


एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "सीएम नीतीश कुमार अगर चाहें तो मांग सकते हैं कि जब तक बिहार के हर जिला में एक फैक्ट्री नहीं लगाई जाएगी तब तक समर्थन नहीं देंगे, लेकिन उन्होंने नहीं मांगा. कुछ लोगों ने कहा कि बड़ा-बड़ा मंत्रालय मांगेंगे, लेकिन नीतीश कुमार ने नहीं मांगा. वो जानते हैं कि अगर पार्टी को कोई आदमी बड़ा मंत्री बन जाएगा तो पार्टी में मुकाबला होने लगेगा. नीतीश कुमार एक ही चीज मांगी कि 2025 के बाद भी मुख्यमंत्री वही बने रहेंगे."


'नीतीश कुमार बीजेपी की मजबूरी'


प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी की ऐसी मजबूरी बन गए हैं. उन्होंने कहा, "बीजेपी ने जैसे ही नीतीश कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से हटाया ठीक वैसे ही उधर बीजेपी वालों के लिए दिल्ली बचाना मुश्किल हो जाएगा." 


जेडीयू के दो नेताओं बनाया गया मंत्री


एनडीए की सरकार में इस बार कुल 72 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें बिहार के 8 सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली. इसमें से जेडीयू के सिर्फ दो सांसद को मंत्री बनाया गया है. जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री बनाया गया तो वहीं रामनाथ ठाकुर को राज्‍य मंत्री बनाया गया है.


ये भी पढ़ें : Siddaramaiah: 'इस देश को नहीं बनाया जा सकता हिंदू राष्ट्र', अमर्त्य सेन के बयान पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का रिएक्शन