अब एमके स्टालिन की पार्टी DMK के लिए चुनावी रणनीति तैयार करेंगे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर की संस्था I-PAC इन दिनों दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनावी रणनीति को देख रही है.
नई दिल्ली: तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) ने अपनी चुनावी रणनीति की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर को सौंपी है. इस बात की जानकारी खुद डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने ट्वीट कर दी. स्टालिन ने ट्वीट किया, ''यह साझा करने में प्रसन्नता हो रही है कि तमिलनाडु के कई ब्राइट और समान विचारधारा वाले युवा पेशेवर आई-पीएसी के बैनर तले हमसे जुड़ रहे हैं. ये 2021 के चुनाव में हमारे साथ काम करेंगे और तमिलनाडु के गौरव को दोबारा बहाल करने के लिए मदद करेंगे!''
डीएमके पिछले 10 साल से तमिलनाडु की सत्ता से बाहर है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के मुकाबले डीएमके को शानदार सफलता मिली. अब पार्टी को 2021 के चुनाव में वापसी की उम्मीद है. डीएमके और कांग्रेस लंबे समय से गठबंधन सहयोगी रही है.
Happy to share that many bright & like-minded young professionals of Tamil Nadu are joining us under the banner of @IndianPAC to work with us on our 2021 election and help shape our plans to restore TN to its former glory!
— M.K.Stalin (@mkstalin) February 2, 2020
आई-पीएसी प्रशांत किशोर की ही संस्था है जो राजनीतिक दलों के प्रचार करने की जिम्मेदारी लेती है. प्रशांत किशोर पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में चर्चा में आए थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान की जिम्मेदारी संभाली थी. चुनाव में पीएम मोदी को अपार सफलता मिली.
इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई. हालांकि पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली. प्रशांत किशोर ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के चुनावी कैंपेन की जिम्मेदारी संभाली. 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' जैसे नारे गढे. कहा जाता है कि लालू यादव और नीतीश कुमार को एक साथ लाने में भी प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई.
2015 में आरजेडी और जेडीयू ने मिलकर भारी जीत हासिल की और नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना गया. हालांकि, एक साल बाद नीतीश कुमार आरजेडी से अलग हो गए और दोबारा बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. पिछले सप्ताह ही सीएए और एनआरसी पर पार्टी लाइन से अलग बयान की वजह से जेडीयू ने प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाल दिया.
प्रशांत किशोर की संस्था आई-पीएसी ने 2019 में ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के लिए और आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के लिए काम किया और दोनों ही दल सत्ता में हैं. प्रशांत किशोर इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए काम कर रहे हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे.