चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर कांग्रेस के संपर्क में हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात हो चुकी है. हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि पीके गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाल सकते हैं. वहीं, दावा यह भी किया जा रहा है कि पीके और कांग्रेस नेतृत्व गुजरात चुनाव के साथ-साथ अन्य पहलुओं पर भी मंथन कर रहा है. 


इस हलचल को लेकर कांग्रेस के आला नेता चुप्पी साधे हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले एक नेता ने कहा कि राहुल गांधी की पीके के साथ मुलाकात की चर्चाओं पर वो कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है. प्रशान्त किशोर की तरफ से भी खंडन नहीं किया जा रहा है. 


गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा से जब पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव में पीके कांग्रेस के साथ जुड़ने वाले हैं तो उन्होंने 'नो कमेंट' कहा. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पीके से चल रही बातचीत में पूरी तरह सहमति बनने के बाद ही इस पर दोनों पक्षों की तरफ से स्थिति साफ की जाएगी.


इससे पहले पिछले साल के मध्य में प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने की कगार तक पहुंच गए थे, लेकिन आखिरी वक्त में बात नहीं बनी. सूत्रों के मुताबिक पीके कांग्रेस में महासचिव जैसा बड़ा पद और पार्टी की प्रचार/मीडिया रणनीति पर पूरा कंट्रोल चाहते थे. इसको लेकर राहुल गांधी कांग्रेस के आला नेताओं से चर्चा भी की थी. कई वरिष्ठ नेता पीके को कंट्रोल देने के खिलाफ थे.


पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की हालत खस्ता है. क्षेत्रीय दलों के साथ पीके 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ चक्रव्यूह बनाने में जुटे हैं. माना जा रहा है कि एक-दूसरे की जरूरत कांग्रेस और पीके को साथ लाई है. पीके कांग्रेस में जुड़ेंगे या नहीं यह सवाल दिलचस्प है और जटिल भी क्योंकि बंगाल से लेकर तेलंगाना तक पीके ऐसे नेताओं से भी सीधे तौर पर जुड़े हैं जिन्हें कांग्रेस अपने लिए चुनौती समझती है.


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