Prashant Kishor in Meghalaya Politics : 12 विधायकों के साथ तृणमूल में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने इस निर्णय के लिए विभाजनकारी शक्तियों से लड़ने में कांग्रेस की प्रभावहीनता को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रभावहीनता के कारण ही राज्य की राजनीति में कोई खास हैसियत नहीं रखने वाली ममता बनर्जी की पार्टी विपक्ष की अगुवा बन गई है. एक संवाददाता संमेल्लन में उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से न केवल टीएमसी प्रमुख तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कद बढ़ा है. साथ ही प्रभावी राजनीतिक वार्ताकार और एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रशांत किशोर की छवि को भी मजबूत किया है.
मेघालय में साल 2010 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे संगमा ने कहा कि टीएमसी में शामिल होने का फैसला लेने की वजह भाजपा से लड़ाई में कांग्रेस की विफलता है. संगमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज्य में भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने में विफल रही है. बताया जा रहा है कि संगमा बिना सलाह लिये विंसेंट एच पाला को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से नाराज थे. उन्होंने कहा कि देश में विभाजनकारी ताकतें मजबूत हो रही हैं. राजग से मुकाबला करने के लिये एक अखिल भारतीय दल खोजने के प्रयास के तहत यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल होने का फैसला पूरे विश्लेषण के बाद लिया गया है कि कैसे लोगों की बेहतर सेवा की जा सकती है. संगमा ने कहा कि टीएमसी में शामिल होने से पहले वह और उनकी टीम कांग्रेस आलाकमान से मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने कई बार नयी दिल्ली गई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने साफ किया कि इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है कि उन्होंने पाला के साथ अपने मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ी.
टीएमसी में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चार्ल्स पनग्रोप ने मीडिया को बताया कि प्रशांत किशोर ने ही असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को टीएमसी में शामिल होने के लिए मनाने का काम किया. उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में हाल के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने भाजपा को जिस तरह पटखनी दी, वह दर्शाता है कि उनकी (प्रशांत किशोर) रणनीतियों ने काम किया. उन्होंने कहा कि उन्हें और अन्य विधायकों को टीएमसी में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया गया था. वहीं जब मुकुल संगमा से जब शेष पांच विधायकों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अन्य विधायकों ने अभी फैसला नहीं किया है.
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