राजनीतिक विशलेषक प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दावा किया है कि अगर वह महागठबंधन में चुनाव लड़ते तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ती. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में चुनाव लड़ने से जनता दल यूनाइटेड (JDU) को पांच सीट भी नहीं मिलती और कुर्सी भी छोड़नी पड़ती एंव पार्टी भी टूटती इसलिए नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से गठबंधन कर लिया.


एबीपी न्यूज के कार्यक्रम घोषणापत्र में 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने यह बात कही. प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैं 7-8 महीने से कह रहा हूं कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में चुनाव लड़ेंगे तो उनकी 5 सीट भी नहीं आएगी. कहीं न कहीं नीतीश कुमार और उनके नेता भी यह बात समझ रहे थे इसलिए छोड़कर भागे.' 


नीतीश कुमार ने क्यों किया बीजेपी से गठबंधन, प्रशांत किशोर ने बताया
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, 'एक ही परिस्थिति में नीतीश कुमार महागठबंधन में रहते. वह रिस्क तब लेते अगर वह प्रधानमंत्री का चेहरा बन रहे होते और बिहार में माहौल बनाया जा सकता था कि बिहार का चेहरा प्रधानमंत्री का दावेदार है. इस पर उन्हें सीट मिल सकती थी. ऐसा हुआ नहीं. ये कॉमन पॉलिटिकल सेंस है कि अगर हम चुनाव लड़ेंगे महागठबंधन में और हमारी 5 सीट भी नहीं आईं तो पार्टी टूट जाएगी और सीएम पद से भी इस्तीफा देना पड़ेगा. इससे अच्छा है कि अभी खून का घूंट पी लो और बीजेपी में चले जाओ.'


प्रशांत किशोर ने आगे कहा, 'जैसे ही लोकसभा जीतकर नीतीश कुमार आएंगे तो अब दूसरी परेशानी शुरू होगी. वो ये होगी कि बीजेपी की इतनी ताकत होगी कि वह क्यों इनको कंधे पर बिठाकर घूमेंगे. किसी न किसी तरीके से इन्हें यहां से और कट-टू-साइज किया जाएगा. जेडीयू का पार्टी के तौर पर अब कोई अस्तित्व नहीं बचा है.'


चुनाव के बाद क्या होगा जेडीयू का भविष्य, प्रशांत किशोर ने बताया
प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार के साथ आने से बीजेपी को बिहार में नुकसान होगा क्योंकि उनका कोई वोटबैंक यहां बचा नहीं है, खासतौर से लोकसभा चुनाव के नजरिए से. नीतीश कुमार के साथ आने से बीजेपी को ये नुकसान है कि वह बिहार की सारी सीटों पर चुनाव लड़ नहीं पाएंगे. उन्होंने बताया कि बीजेपी नीतीश कुमार को चुनाव के लिए नहीं महागठबंधन को कमजोर करने के लिए साथ लाई है.


प्रशांत किशोर ने बताया क्यों बीजेपी ने नीतीश कुमार से किया गठबंधन
प्रशांत किशोर ने कहा, 'बीजेपी नीतीश कुमार को बिहार में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए साथ लेकर नहीं आए हैं. नीतीश कुमार को उस साइक्लॉजिकल लड़ाई को जीतने के लिए साथ लाया गया है क्योंकि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन बना रहे थे. उसकी अगुआई कर रहे थे, विपक्ष का प्रधानमंत्री का चेहरा बन रहे थे. तो बीजेपी ने उसी कड़ी को तोड़कर साइक्लॉजिकल झटका दिया उसके लिए लाए हैं. उनसे इलेक्टोरल कोई फायदा नहीं है.'


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