Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके किसी की पहचान के मोहताज नहीं हैं. कभी देश के राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर अब 'जन सुराज' अभियान चला रहे हैं. अभियान के तहत उन्होंने बिहार के जिलों का दौरा किया है और लोगों तक अपनी बात पहुंचाई है. वहीं, हाल ही में प्रशांत किशोर से 'जन सुराज' की विचारधारा और उनके कभी-कभी खीझ जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका विस्तार से जवाब दिया.
दरअसल, यूट्यूब चैनल 'लल्लनटॉप' को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर से कांग्रेस जैसी विचारधारा, उनके अभियान की फंडिंग और चुनाव लड़ने जैसे सवाल किए गए. उनसे सवाल किया गया कि आप कहते हैं कि वैचारिक रूप से किसी अन्य पार्टी की तुलना में कांग्रेस जिस विचारधारा का पालन करती है, मैं उसको अपने करीब पाता हूं. जब आपने कांग्रेस कहा तो क्या आपका मतलब आजादी की लड़ाई लड़ने वाली कांग्रेस से था या फिर मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व वाली कांग्रेस से.
कांग्रेस जैसी विचारधारा पर क्या बोले प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर ने कहा, 'हमारा अभियान 'जन सुराज' महात्मा गांधी की कांग्रेस से प्रेरित है, इसलिए विचारधारा के आधार पर उसके ही करीब होगी. मैंने कहा कि मैं कांग्रेस के उस विचारधारा के करीब हूं, जिसका वह पालन करने का दावा करती है. मुझे ये बात कहने में भी कोई दिक्कत नहीं है.' दरअसल, हाल में इस बात की चर्चाएं होने लगी कि कहीं प्रशांत किशोर कांग्रेस में तो नहीं शामिल होंगे.
किशोर ने आगे बताया, 'देश में आज मोटे तौर पर दो विचारधाराएं हैं, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी की विचारधारा शामिल है. ऐसे में निश्चत तौर पर अगर आप देखेंगे तो मैं खुद को कांग्रेस की विचारधारा के करीब पाऊंगा. इसकी वजह ये है कि मैं महात्मा गांधी में यकीन करने वाला आदमी हूं. इसमें कोई सनसनीखेज बात नहीं है. मगर लोग जबरदस्ती ये बात बता रहे हैं कि मैं कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाला हूं.'
बार-बार खीझने के सवाल का दिया जवाब
वहीं, जब उनसे सवाल किया गया कि आप लोगों की व्याख्याओं और बातों से इतना नाराज क्यों हो जाते हैं. आप कुछ कहते हैं और लोगों को वो बात नहीं समझ में आई, फिर लोग उसकी अपने हिसाब से व्याख्या करते हैं. इस लेकर आप इतना खीझ क्यों उठते हैं?
इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, 'अगर किसी को नहीं समझ में आता है, तो उसे समझाया जा सकता है. समझ रखकर नासमझ बनने वाले लोग जब ये बातें करते हैं, तो उससे खीझ होती है. जैसे मैंने आपको कहा कि आप मुझसे पूछने आए हैं कि देश की राजनीति में क्या हो रहा है. साथ मैं ये भी बता रहे हैं कि मुझे कुछ आता नहीं है. ऐसे में दोनों बातें कैसे हो सकती हैं.'
जब इस पर इंटरव्यू लेने वाले रिपोर्टर ने कहा कि लगता है कि आपको स्तंभकार चोट देकर गए हैं. इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, 'मुझे क्या चोट देंगे. मैं इतना कमजोर थोड़ी दिखता हूं. मैं बहुत मोटी चमड़ी का आदमी हूं. एक बार मैंने मन में जो बना लिया, उससे मैं हिलता नहीं हूं. मैं कहता हूं कि आप एक ओर लिख रहे हैं कि प्रशांत किशोर नेताओं से मिल रहा है. दूसरी ओर लिख रहे हैं कि प्रशांत किशोर खत्म हो गया है और अब पदयात्रा करने के लिए निकला है. ऐसा कैसे हो सकता है.'
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