Bihar Politics: चुनावी रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने लोकसभा चुनाव 2024 की ओर इशारा करते हुए सोमवार को कहा कि बिहार में हालिया उथल-पुथल 'राज्य केंद्रित” घटना थी और इससे राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. उन्होंने हाल ही में जेडीयू (JDU) के भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार यह कहा है.


नीतीश कुमार सत्ता प्रशांत किशोर का तंज
उत्तर बिहार के सीतामढ़ी जिले में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने यह दावा भी किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नया बागी रुख 'राजनीतिक अस्थिरता” का प्रतीक है, जिसका सामना बिहार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'नयी भाजपा” के उदय के बाद से कर रहा है. प्रशांत किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा, 'हम केवल एक बात निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कुछ भी हो, नीतीश कुमार सत्ता पर काबिज रहेंगे जैसे कि वह इतने सालों से करते आ रहे हैं.”


बता दें कि चार साल पहले प्रशांत किशोर जेडीयू में शामिल हुए थे और कुछ ही हफ्ते में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया था, लेकिन सीएए-एनपीआर-एनआरसी विवाद को लेकर गहरे मतभेद के कारण दो साल से भी कम समय में उन्हें निष्कासित कर दिया गया था.


साल 2025 विधानसभा चुनाव में क्या बदलाव होगा?
प्रशांत किशोर ने दावा किया, 'मैं आपको लिखित रूप में बता सकता हूं कि बिहार में वर्ष 2025 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में एक और बदलाव देखने को मिलेगा. हमें नहीं पता कि कौन सी पार्टी या नेता किस तरफ रहेगा. लेकिन मौजूदा परिदृश्य बदलेगा.”


प्रशांत किशोर ने विपक्षी एकता कायम करने के लिए नीतीश कुमार की तीन दिन की दिल्ली यात्रा को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा, 'उन्हें बिहार पर शासन करने के लिए जनादेश मिला है और यही उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके अलावा, यहां जो हुआ है वह एक राज्य पर केंद्रित घटना है, जिसका कोई राष्ट्रव्यापी प्रभाव होने की संभावना नहीं है.”


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