अब 'AAP' के साथ काम करेंगे प्रशांत किशोर, जानिए इससे पहले किस पार्टी को जिताया चुनाव
इससे पहले प्रशांत किशोर 2014 में पीएम मोदी के साथ काम कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने पंजाब में कांग्रेस आंध्रप्रदेश में जगनमोहन रैड्डी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. प्रशांत इस समय बंगाल में ममता बनर्जी के साथ काम कर रहे हैं.
नई दिल्ली: चुनावों में पार्टियों के लिए काम कर उन्हें जीत दिलाने में माहिर प्रशांत किशोर अब आम आदमी पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं. आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर खुद इस बात की जानकारी दी. प्रशांत अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए काम करेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने टिट्वर पर लिखा कि "आईपैक अब हमारे साथ काम करेगी, आपका स्वागत है."
दरअसल, प्रशांत किशोर आईपैक नाम से चुनाव प्रबंधन कंपनी संचालित करते हैं. प्रशांत किशोर का चुनाव प्रबंधन का रिकॉर्ड भी बेहद शानदार रहा है. फिलहाल वे नीतीश कुमार की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं और नागरिकता संशोधन बिल पर पार्टी लाइन से अलग विचार रखने के लिए चर्चित हुए हैं. इससे पहले प्रशांत किशोर ने 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए चुनाव प्रबंधन संभाला था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की शानदार सफलता का चेहरा प्रशांत किशोर के सर पर भी बंधा था, लेकिन 1 साल के भीतर ही प्रशांत किशोर ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ दिया था.
Happy to share that @indianpac is coming on-board with us. Welcome aboard!
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 14, 2019
लालू और नीतीश को साथ लाने में निभाई भूमिका
वहीं साल 2015 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए चुनाव प्रबंधन किया था और नीतीश कुमार लालू यादव के गठबंधन को शानदार सफलता मिली थी. लालू और नीतीश के गठबंधन बनाने में भी प्रशांत किशोर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह कहा जाता है कि लालू यादव और नीतीश प्रशांत किशोर की वजह से ही एक साथ आ पाए थे.
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर का दिया साथ
इसके बाद साल 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का दामन थामा था. जिसके बाद पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को शानदार सफलता मिली थी. हालांकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सबसे छोटी पार्टी बन कर रह गई थी, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह की जीतने एक बार फिर से प्रशांत किशोर की चुनावी प्रबंधन में महारथ साबित कर दी.
दक्षिण भारत तक छोड़ी छाप
साल 2019 में आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के लिए चुनाव प्रबंधन का काम प्रशांत किशोर ने संभाला. जगनमोहन रेड्डी में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता अर्जित की. जाहिर तौर पर यहां भी प्रशांत किशोर ने चुनावी प्रबंधन का लोहा मनवा लिया.
प्रशांत किशोर के चुनावी प्रबंधन और चुनाव जिताने की रणनीति इतनी कारगर रही कि साल 2017 में यूपी को छोड़ हर जगह जिसके लिए उन्होंने काम किया उसकी जीत हुई और उसकी सरकार बनी. फिलहाल प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ भी इस समय काम कर रहे हैं. ममता बनर्जी के साथ ही उन्होंने फरवरी 2020 में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल का दामन भी थाम लिया है.
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