Priyanka Gandhi को Congress अध्यक्ष और पार्टी में सुधारों को लेकर फ्री हैंड चाहते थे Prashant Kishor, इन सुझावों ने भी अड़ा दिए रोड़े
Congress Prashant Kishor: कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बात नहीं बन पाई. जहां कांग्रेस ने कहा कि पार्टी प्रशांत किशोर को खास जिम्मेदारी देना चाहती थी जबकि किशोर का कहना है कि पार्टी उन्हें चुनावी रणनीति तक सीमित रखना चाहती थी.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने को लेकर कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी ने सोमवार को फैसला किया था कि एक विशेषाधिकार प्राप्त एक्शन ग्रुप- 2024 बनाया जाएगा. इस ग्रुप में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी शामिल होने का न्योता दिया गया था.
लेकिन मंगलवार को कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि प्रशांत किशोर के प्रेजेंटेशन और चर्चाओं के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें ग्रुप में शामिल होकर पार्टी जॉइन करने को कहा था, जिसमें उनके लिए एक जिम्मेदारी भी थी. लेकिन उन्होंने मना कर दिया. हम उनकी कोशिशों और सुझावों के लिए उनका सम्मान करते हैं.
Following a presentation & discussions with Sh. Prashant Kishor, Congress President has constituted a Empowered Action Group 2024 & invited him to join the party as part of the group with defined responsibility. He declined. We appreciate his efforts & suggestion given to party.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 26, 2022
कांग्रेस और प्रशांत किशोर ने रखे दो अलग पहलू
लेकिन मना करने के पीछे की वजह का एक पहलू जहां कांग्रेस ने बताया है, वहीं प्रशांत किशोर ने अपना पक्ष रखकर दूसरा पहलू सामने रखा. कांग्रेस ने जहां यह कहा कि प्रशांत किशोर को एक 'खास जिम्मेदारी' दी गई थी. वहीं प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उन्हें चुनाव की जिम्मेदारी लेने को कहा गया था.
सुरजेवाला की इस टिप्पणी के कुछ देर बाद किशोर ने ट्वीट में कहा, 'मैंने विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने की कांग्रेस की दरियादिली भरी पेशकश को स्वीकार करने से इनकार किया है.'
उन्होंने यह भी कहा, 'मेरी विनम्र राय है कि मुझसे ज्यादा पार्टी को लीडरशिप और सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है ताकि परिवर्तनकारी सुधारों के जरिए पार्टी के भीतर घर कर चुकी ढांचागत समस्याओं को दूर किया जा सके.'
I declined the generous offer of #congress to join the party as part of the EAG & take responsibility for the elections.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 26, 2022
In my humble opinion, more than me the party needs leadership and collective will to fix the deep rooted structural problems through transformational reforms.
फ्री हैंड चाहते थे किशोर
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनके ट्वीट में यह बात साफ नजर आई कि कांग्रेस न पार्टी में और न ही अध्यक्ष को लेकर बड़े सुधारों को मानना चाहती है. वह उन्हें चुनावी रणनीति तक ही सीमित रखना चाहते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर ने सलाह दी थी कि पार्टी को तुरंत फैसले लेने चाहिए साथ ही चुनावी प्रबंधन और संगठन प्रबंधन के लिए अलग-अलग विंग होने चाहिए. प्रशांत किशोर चाहते थे कि उन्हें कांग्रेस में सुधार के लिए फ्री हैंड दिया जाए, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मंजूर नहीं था.
साथ ही प्रशांत किशोर की बिहार, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में पुराने गठबंधन के साथियों को छोड़ने और पार्टी नेतृत्व पर दी गई सलाह ने भी रास्ते बंद कर दिए. एक कांग्रेस पदाधिकारी ने बताया, प्रशांत किशोर चाहते थे कि पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों अलग-अलग हों. किशोर चाहते थे कि प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, जबकि पार्टी चाहती है कि राहुल गांधी ही दोबारा अध्यक्ष बनें.
सिद्धू ने किया था ट्वीट
किशोर के कांग्रेस में शामिल होने से इनकार करने के बाद पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनावी रणनीतिकार के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'अपने पुराने दोस्त पीके के साथ शानदार मुलाकात थी...पुरानी शराब, पुराना सोना और पुराने दोस्त बेस्ट होते हैं.'
Had a wonderful meeting with my old friend PK … Old wine , Old gold and Old friends still the best !!! pic.twitter.com/OqOvkJqJmF
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) April 26, 2022
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों कांग्रेस नेतृत्व के सामने पार्टी को मजबूत करने और अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर एक प्रेजेंटेशन दी थी. उनके सुझावों पर विचार करने के लिए सोनिया गांधी ने 8 सदस्यीय समिति का गठन किया था. सूत्रों ने बताया कि किशोर ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी चाहिए.
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अपनी प्रेजेंटेशन में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा था कि कांग्रेस को लगभग 370 लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहिए.