Prashant Kishore on Congerss: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की टाइमिंग गलत है. उन्होंने कांग्रेस में कॉमन सेंस की कमी होने की बात भी कही. एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और उसकी यात्रा को लेकर बात की. उन्होंने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस के भविष्य को लेकर भी अपनी राय रखी. 


राहुल गांधी को लेकर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी ऐसे समय में यात्रा लेकर निकले हैं, जब उन्हें गठबंधन को एकजुट करने पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल सीट शेयरिंग के वक्त सड़क पर घूम रहे हैं. इस वक्त उन्हें सभी नेताओं के साथ बैठकर बात करनी चाहिए थी. वह जिस तरह से विदेशों में जाकर बात करते हैं, ठीक वैसे ही उन्हें यहां विपक्षी नेताओं से बात करनी थी. कांग्रेस अभी तक जनता की नब्ज नहीं पकड़ पा रही है.


'डूबते जहाज के केबिन में बैठना सही नहीं'


इंटरव्यू के दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत ठीक नहीं है. गांधी परिवार की दो परंपरागत सीटें अमेठी और रायबरेली हुआ करती थीं. अमेठी में पिछली बार हार मिली और इस बार सोनिया गांधी ने कहा है कि वह रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ रही हैं. इस पर आप क्या कहना चाहेंगे? 


इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि वैसे तो ये इंटरनल मैटर है. लेकिन जब पूरा जहाज डूब रहा तो केबिन में बैठने का कोई फायदा नहीं है. आज नहीं तो कल वो केबिन भी पानी में डूब जाएगा. इसलिए कांग्रेस को भी मालूम है कि यूपी में वह जीत नहीं सकते हैं. इसलिए ये रणनीतिक तौर पर भी ठीक नहीं होता कि वह यहां से लड़तीं. जब कांग्रेस को हार मिलनी होगी तो वह यहां से भी हार सकती है. 



राहुल में क्या कमी है? प्रशांत किशोर ने समझाया


प्रशांत किशोर से सवाल किया गया कि कांग्रेस के तीन प्रमुख चेहरे हैं, जो गांधी परिवार से आते हैं. इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं. ये भी कहा जा रहा है कि राहुल और प्रियंका के पास कांग्रेस का दारोमदार है. दोनों ही लोगों में आपको क्या सकारात्मक और नकारात्मक चीजें नजर आती हैं. 


इसके जवाब में चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि सबसे पहली बात ये है कि कांग्रेस को तीन लोग नहीं चला रहे हैं, सिर्फ राहुल गांधी पार्टी चला रहे हैं. सोनिया, प्रियंका या फिर खरगे हों, ये सभी लोग सिर्फ सपोर्टिव रोल में हैं. भले ही लोग कुछ भी दावा करें, लेकिन पार्टी राहुल ही चला रहे हैं. उन्होंने राहुल की कमी बताते हुए कहा कि अभी उनको लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं. आज नहीं तो कल जनता बीजेपी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज होगी और हमें वोट कर सत्ता में बैठा देगी. 


प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि जब तक आप मानोगे नहीं कि गड़बड़ी है, तब तक आप सुधार कैसे करेंगे. पार्टी को लगता है कि उसकी रणनीति ठीक है. उसका मानना है कि जब जनता परेशान होगी तो वो खुद ही उन्हें वोट करेगी. राहुल कहते हैं कि मीडिया, चुनाव आयोग और एजेंसियां हाईजैक हो गई हैं. कुछ हद तक मैं उनसे सहमत हूं. लेकिन इसकी वजह से कांग्रेस को हार मिल रही है. इस बात को मैं नहीं मानता हूं. 


उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि राहुल से सवाल होना चाहिए कि 2014 तक तो आपके पास मीडिया, चुनाव आयोग और एजेंसियां थीं. फिर कांग्रेस 50 सीटों से नीचे कैसे आ गई. अगर न्यायपालिका और चुनाव आयोग से ही हार जीत होती, तो बीजेपी फिर बाकी के राज्यों में पिछले 10 सालों में जिस तरह से हारी है, वो किस तरह से होते. 


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