Prashant Kishor On Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अभी हरियाणा में है. राहुल गांधी की अगुवाई में चल रही इस यात्रा ने काफी लोकप्रियता हासिल की है और इसमें कोई दो राय नहीं है. हालांकि, राजनीतिक मैदान में इस यात्रा को लेकर अभी भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. अब चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की यात्रा पर कटाक्ष किया है. किशोर ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के मद्देनजर शनिवार (7 जनवरी) को कहा कि वे (राहुल) बड़े लोग हैं.


IPAC के संस्थापक प्रशांत किशोर भी इस वक्त बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं. पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "बड़े लोग हैं (वे बड़े लोग हैं). उनकी तुलना में, मैं कुछ भी नहीं हूं." किशोर ने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और राहुल गांधी बहुत बड़े आदमी हैं और वह राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा प्रयास कर रहे हैं.


'मेरे लिए किलोमीटर मायने नहीं रखते'


प्रशांत किशोर ने तंज कसते हए कहा, "राहुल गांधी 3,500 किलोमीटर लंबी यात्रा पर हैं. मेरे लिए किलोमीटर मायने नहीं रखते. मैं अक्टूबर से बिना रुके चल रहा हूं, लेकिन मैं इसे अपनी शारीरिक फिटनेस के सबूत के रूप में नहीं दिखाना चाहता." उन्होंने कहा कि मेरे लिए यात्रा समाज को निचले स्तर पर समझने का प्रयास है और उसका समाधान भी लोगों के माध्यम से ही निकालना है.


'मुझे ओलंपिक रिकॉर्ड नहीं बनाना'


IPAC के संस्थापक किशोर ने राहुल पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, "सड़क पर चलने का मुझे ओलंपिक रिकॉर्ड नहीं बनाना है, न ही मुझे यह दिखाना है कि मैं कितना 'फिट' हूं. मुझे जनता की समस्या को समझना है, इसलिए मेरी यात्रा की उनसे कोई तुलना ही नहीं है."


'न मैंने ब्रेक लिया और न घर गया'


उन्होंने आगे कहा, "यह छठ की तपस्या की तरह है. एक पानी का घूंट ले सकते हैं, लेकिन सच्चे भक्त इस तरह का समझौता नहीं करते हैं और 36 घंटे का भीषण उपवास पूरा करते हैं." किशोर ने गांधी पर तंज कसते हुए यह भी कहा, ''नए साल पर मैंने न तो ब्रेक लिया और न मैं घर गया, ये मेरे लिए नहीं है.''


कौन हैं प्रशांत किशोर?


बता दें कि प्रशांत किशोर पहली बार 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के शानदार सफल अभियान को संभालने के बाद सुर्खियों में आए थे. इसके बाद, उन्होंने कई राजनीतिक दलों के लिए चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी संभाली. साल 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए और यहां उन्होंने ममता बनर्जी को एक बार फिर जीत दिलवाई.


इस बीच, I-PAC के संस्थापक ने नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, एम के स्टालिन, अरविंद केजरीवाल, अमरिंदर सिंह, जगन मोहन रेड्डी और के चंद्रशेखर राव जैसे कई नेताओं के साथ काम किया था.


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