Tohands A Startup Of Praveen Mishra: आपकी संवेदनशीलता आपको दुनिया में इंसान बनाती है और जब तालीम के बाद आपका दिमाग रोशन होने लगता है तो यही एहसास आपको दूसरों के रंजों- गम से जोड़ता है. उसे दूर करने की चाह आपके दिल में उठने लगती है. ऐसी ही एक चाह युवा प्रवीण मिश्रा के दिल में भी उठी थी, जब उन्होंने  बेंगलुरु के सरजपुर में एक छोटी दुकान चलाने वाली औरत को लेन-देन पर नज़र रखने के लिए जूझते देखा.


तब उन्हें डेटा रिकॉर्ड करने वाले स्मार्ट कैलकुलेटर की अहमियत का एहसास हुआ. वह पहले ही स्मार्ट कैलकुलेटर को बनाने की सोच रहे थे, लेकिन इस पर काम नहीं शुरू कर पा रहे थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि ये एक बेवकूफी भरी सोच है इस तरह की चीज की किसी को कोई जरूरत नहीं होगी.


लेकिन इस छोटी सी दुकान की मालकिन से मुलाकात के बाद उन्हें शिद्दत से एहसास हो गया कि स्मार्ट कैलकुलेटर की छोटे कारोबारियों को बेहद जरूरत है. फिर क्या था उन्होंने बगैर देर करते हुए स्मार्ट कैलकुलेटर स्टार्टअप टूहैंड (Tohands) शुरू कर डाला. दूसरे की भलाई का उनका ये एहसास आज उनकी जिंदगी में कामयाबी के नए मायने गढ़ रहा है. 



जिसे बेवकूफी समझा वो निकली काम की बात


टूहैंड्स आज स्मार्ट कैलकुलेटर बनाने वाले मशहूर स्टार्टअप के तौर पर अपनी पहचान बना रहा है. शायद इसके को- फाउंडर प्रवीण मिश्रा को भी तब ये नहीं पता होगा कि जिस बात को वो एक साल पहले बेवकूफी का नाम दे रहे थे, वहीं बात उन्हें स्टार्ट अप की दुनिया में एक अलग पहचान दे जाएगी. एक साल पहले युवा प्रवीण मिश्रा ने 'स्मार्ट' कैलकुलेटर बनाने को बेवकूफी समझ छोड़ दिया था.


जब उन्होंने बेंगलुरु की सरजपुर की छोटी कारोबारी औरत को लेनदेन का हिसाब रखने में परेशान होते देखा तो उन्हें एहसास हुआ कि उनका विचार कितने काम का था. फिर उन्होंने देर नहीं की और डेटा रिकॉर्ड करने वाले स्मार्ट कैलकुलेटर को बनाना शुरू किया. प्रवीण एक इंटरव्यू में बताते हैं, "जब मैं उस महिला से मिला, तो मैंने देखा कि वह कैलकुलेटर पर आखिरी धनराशि की गणना करती थी और उसे कागज पर लिखती थी और फिर दिन के आखिर में वह फिर से कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर आखिरी राशि की गणना कर दिन भर का हिसाब लगाती थी."




बहुत कुछ है कैलकुलेटर


स्मार्ट कैलकुलेटर के बारे में प्रवीण मिश्रा कहते हैं कि देखा जाए तो कैलकुलेटर बुनियादी तौर पर हिसाब या गणना करने के काम ही आता है. लेकिन इससे हम हिसाब लगाने के अलावा भी बहुत कुछ कर सकते हैं. इस तरह से देखा जाए तो एक स्मार्ट कैलकुलेटर दुकानदारों के लिए वास्तव में एक अच्छा टूल होगा. वह कहते हैं एक तरह से ये साधारण से कैलकुलेटर का हर तरह से कनेक्टेड अवतार होगा.


गौरतलब है कि इस स्टार्ट अप की शुरुआत गांव के लोगों को हर नई तकनीक से जोड़ने की सोच रखने वाले यूपी के प्रतापगढ़ के प्रवीण मिश्रा ने अपने दोस्तों के साथ साल 2017 में की थी. उनकी इस मुहिम में उनका साथ सत्यम साहू और शनमुगा वाडीवाल ने दिया और टूहैंड्स को अमलीजामा पहनाया जा सका. अब ये तीनों मिलकर इस स्टार्ट अप के जरिए छोटे कारोबारियों की मुश्किलें आसान करने में लगे हैं. इसमें मिश्रा प्रोडेक्ट को देखते हैं तो साहू ऐप और सॉफ्टवेयर का काम संभालते हैं. टूहैंड्स के हार्डवेयर का मामला वाडीवल के जिम्मे है. 




भविष्य भी है सुनहरा


प्रवीण मिश्रा कहते हैं कि  हालांकि यह अभी एक स्मार्ट कैलकुलेटर है, लेकिन वह इसमें नए फीचर जोड़ने का प्लान कर रहे हैं. ओवर-द-एयर -ओटीए (OTA) अपडेट के जरिए इसकी क्षमताओं में सुधार लाने की उनकी पूरी कोशिश है. ओटीए अपडेट नए सॉफ़्टवेयर, फ़र्मवेयर या अन्य डेटा की मोबाइल डिवाइस पर वायरलेस डिलीवरी को कहा जाता है. ये वैसे ही होगा जैसे एप्पल (Apple) या गूगल (Google) अपने स्मार्टफ़ोन पर नए सॉफ़्टवेयर अपडेट को आगे बढ़ाते हैं.


आने वाले वक्त में स्मार्ट कैलकुलेटर यह रिकॉर्ड करने लायक हो पाएगा कि यूजर्स को ये पता चल पाएगा कि उन्होंने किसे भुगतान किया या किसने उन्हें भुगतान किया है. इसका खास मकसद ग्राहक की पूरी डिटेल्स को कैप्चर करना होगा. इससे छोटे मझोले कारोबारियों और दुकानदारों को अपने ग्राहकों का नाम और मोबाइल नंबर रिकॉर्ड करने में मदद मिलेगी.


दुकानदारों के लिए अपने ग्राहकों के डेटा तक पहुंच का मतलब है कि दुकानदार लेन-देन का रिकॉर्ड आसानी से रख सकता है. इसके जरिए वो ये याद रख सकता है कि उससे किस ग्राहक ने उधार लिया है और इस उधार को चुकाने की तारीख कब है.




देश का स्मार्ट कैलकुलेटर


स्मार्ट कैलकुलेटर भारत में डिजाइन किया और बनाया गया है. मौजूदा वक्त की बात की जाए तो अभी हर महीने 2000 स्मार्ट कैलकुलेटर बनाने और आने वाले साल  तक इनकी संख्या एक लाख तक बढ़ाने का प्लान है. इस स्मार्ट कैलकुलेटर को बड़े स्तर पर ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए प्रवीण 3 अहम तरीके अपना रहे हैं. उनका फोकस खासकर ग्रामीण इलाकों पर है.


इसके लिए जहां वो पुनर्विक्रय, पेनियरबाई (PayNearby) जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी पर जोर दे रहे हैं तो दूसरी तरफ इस डिवाइस को अपनी वेबसाइट पर सीधे बेच रहे हैं. इसके साथ ही एमेजोन जैसे ई कॉमर्स प्लेटफार्म्स पर भी इस स्मार्ट डिवाइस को उतारने जा रहे हैं. इस स्टार्टअप को अब तक टी-हब स्टार्टअप इंडिया सीड फंड से निवेश के तौर पर 30 लाख रुपये और एंजेल निवेशकों से 20 लाख रुपये मिले हैं. कुल मिलाकर 50 लाख रुपये की फंडिग युवा उद्यमी मिश्रा को हो चुकी है. इस पूरी रकम का इस्तेमाल वो स्मार्ट कैलकुलेटर बनाने में करेंगे. 




हार्डवेयर स्टार्टअप्स की मुश्किल डगर


प्रवीण मिश्रा की कंपनी देश के कुछ सक्रिय स्टार्टअप्स में से एक है जो हार्डवेयर पर काम कर रही है. भारत में हार्डवेयर प्रोडेक्ट बनाना और उन्हें डिजाइन करना कभी आसान नहीं रहा है. यही वजह है कि एक अरब से अधिक आबादी वाले हमारे देश में विशेषज्ञता वाले  हार्डवेयर स्टार्टअप की कमी है. प्रवीण मिश्रा बताते हैं कि वास्तव में ईमानदारी से कहा जाए तो हार्डवेयर के क्षेत्र में भारत में काम करना बेहद  कठिन है. इसके लिए एक शुरुआती एडेप्टर की जरूरत होती है और भारत में ग्राहक शुरुआती एडेप्टर साबित नहीं होते हैं. वह कहते हैं कि यहां ग्राहक तैयार प्रोडेक्ट चाहते हैं, क्योंकि उनकी उम्मीदें वास्तव में बहुत अधिक हैं और जब कोई स्थानीय कंपनी उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है, तो वे बाहरी बाजार से अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोडेक्ट लेना पसंद करते हैं.