नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो में तैनात गुजरात कैडर के 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिन्हा ने आज सीबीआई में निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया. इसके पहले सीबीआई निदेशक आर के शुक्ला अपने 2 साल के कार्यकाल के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए थे. सिन्हा सीबीआई में ही अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात हैं.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सिन्हा को निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के लिए कार्मिक मंत्रालय ने आदेश जारी किए थे. इसके पहले भी केंद्रीय जांच ब्यूरो में निदेशक के सेवानिवृत्त होने पर अतिरिक्त निदेशक या विशेष निदेशक निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार संभालते रहे हैं. ध्यान रहे कि सीबीआई में सीबीआई निदेशक के पद पर 2 साल की नियुक्ति साल 1999 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू की गई थी.
इसके पहले सीबीआई निदेशक के पद को लेकर केंद्र सरकार अनेक बार कटघरे में आई थी और यह आरोप लगे थे कि यदि कोई सीबीआई निदेशक केंद्र सरकार का कहना नहीं मानता है तो उसे उसके पद से हटा दिया जाता है. 1999 के पहले सरदार जोगिंदर सिंह को 2 साल के पहले ही सीबीआई निदेशक के पद से हटाकर उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव सुरक्षा के पद पर भेज दिया गया था.
कई अहम पदों पर किया काम
सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक प्रवीण सिन्हा साल 2000 से 2021 के बीच सीबीआई में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं और इनमें पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, महानिरीक्षक सीबीआई और अतिरिक्त निदेशक के पद शामिल हैं. सिन्हा गुजरात कैडर के 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं और इस समय सीबीआई में तैनात तीनों अतिरिक्त निदेशकों में सबसे वरिष्ठ हैं. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक सिन्हा केंद्रीय सतर्कता आयोग में भी तैनात रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने मूल कैडर गुजरात में भी कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं.
ध्यान रहे कि सीबीआई में निदेशक पद पर तैनाती प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक विशेष कमेटी करती है और इस कमेटी में भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा विपक्षी दल के नेता भी शामिल होते हैं. इसके पहले साल 2018- 19 में सीबीआई में बड़े अधिकारियों की आपसी लड़ाई और खींचातानी और मुकदमा दर्ज होने के बाद मध्य प्रदेश से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरके शुक्ला को सीबीआई निदेशक पद पर तैनात किया गया था. कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अब जिन अधिकारियों की तैनाती पर विचार किया जा रहा है उसमें 1984 से लेकर 1987 तक के आईपीएस अधिकारी शामिल है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली विशेष कमेटी बहुत जल्द ही किसी नाम पर मोहर लगा देगी और सीबीआई को नया निदेशक मिल जाएगा.
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