नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद् (वीएचपी) में आज 52 साल बाद पहली बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे. ऐसे में सबकी नजर प्रवीण तोगड़िया पर है. दरअसल वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष तोगड़िया और बीजेपी-आरएसएस के बीच संबंध इन दिनों काफी खराब हैं.


चुनाव से पहले एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए तोगड़िया ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद में चुनाव करोड़ों लोगों के लिए 'दुखद और आघात' की घटना है. यह सामाजिक, धार्मिक संगठन है. 52 साल में चुनाव नहीं हुआ और आज 'राजनीतिक चुनाव' थोपा जा रहा है. थोपने का कारण है या तो वीएचपी टूट जाए या हिंदुओं की परिषद 'सरकारी परिषद' बन जाए.


उन्होंने कहा, ''80 साल के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जा रहा है. 'यंग इंडिया' में वीएचपी का अध्यक्ष इतनी उम्र का होगा? बीजेपी की ओर से वह गवर्नर भी रह चुके हैं. विष्णु सदाशिव कोकजे वीएचपी का नेतृत्व करेंगे! उन्हें चुनने के लिए चुनाव हो रहा है. कार्यकर्ता के विवेक पर विश्वास है कि वह हिंदुत्व विचारधारा को पराजित नहीं होने देंगे. हालांकि यह सब चुनाव में तय होगा.''


एबीपी न्यूज़ के 'मास्टर स्ट्रोक' शो में प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ''संघ परिवार में 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट होता है. आडवाणी जी का रिटायरमेंट हुआ और वीएचपी में 80 साल का शख्स चुनाव लड़े यही आश्चर्य है. 61 साल के राघव रेड्डी हैं. उन्हें चुना जाए. परिवर्तन होता है. मिल बैठकर इसे तय करें. चुनाव पक्रिया पर रेड्डी जी सवाल उठा चुके हैं.''


तोगड़िया ने कहा कि चुनाव का परिणाम जो भी आएगा. लेकिन हम अपने संकल्प को आगे बढ़ाते रहेंगे. मोदी सरकार का वादा पूरा नहीं होता है तो फिर हम जनता के बीच निकलेंगे.


राम मंदिर के बहाने मोदी सरकार पर वार
प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, ''लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं ने जिनको सत्ता में लाने का काम किया. ताकि वह हिंदुओं की इच्छा पूरी करेंगे. लेकिन नहीं हुआ.''


उन्होंने कहा, ''हम 32 साल से वही बात कर रहे हैं जो आज कर रहे हैं. चार साल पहले जब मैं बोलता था कि राम मंदिर, गौरक्षा, कश्मीर में हिंदुओं की वापसी, धारा 370 पर संसद के माध्यम से कानून बनाया जाए तब इन्हें अच्छा लगता था. क्योंकि तब सरकार मनमोहन सिंह की थी. हमारे बोलने से सत्ताधारी मनमोहन सिंह की सरकार को नुकसान हो रहा था. विपक्ष में उनको फायदा हो रहा था. आज जब हम वही बात उठा रहे हैं तो उन्हें लगता है कि हम उनका विरोध कर रहे हैं.''


तोगड़िया ने पूछा बीजेपी ने वादे किये थे कि संसद में काननू लाकर मंदिर बनाने के वादे किये थे, किसानों की पूर्ण कर्जमाफी और युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था. क्या चुनावी वादे को छोड़ दिया जाए?


''1982 में आरएसएस, वीएचपी, बीजेपी ने मिलकर राम मंदिर का संकल्प लिया. जनसमर्थन मिला और बहुमत मिला. बीजेपी ने पालमपुर के अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर कहा कि बहुमत मिलने पर राम मंदिर बनाएंगे. हमने चार साल में तीन बार राम मंदिर के मसले पर बिठा कर कहा कि राम मंदिर पर टाइम तय करें. तब भी मुझे कहते थे कि संसद में कानून बनाएंगे. लेकिन छह महीने से कह रहे हैं कि संसद में कानून बनाने की बात करना बंद कर दो. तो हमने कहा कि मैं पद पर रहूं या नहीं मैं अपनी बात नहीं छोड़ूंगा.''


''सुप्रीम कोर्ट का फैसला जो भी आये. लेकिन 1993 के कानून को देखें तो राम मंदिर के बगल में मस्जिद भी बनेगी. देश में बाबरी मस्जिद बनी तो दंगे होंगे. हिंसा फैल जाएगी. क्या फिर से राम मंदिर के लिए हिंदू जान देगा. ऐसा अब नहीं हो सकता. कितनी बार वह जान देगा.''


गुजरात दंगों पर तोगड़िया ने क्या कुछ कहा?
तोगड़िया ने कहा, ''2002 की घटना अयोध्या से लौट रहे 58 कारसेवकों को जलाने की वजह से हुई. जिन्होंने जिंदा जलाया उन्होंने ही दंगों का बीज बोया. अगर कोई हनुमान की पूंछ जलाता है और लंका दहन हो जाता है तो इसके लिए हनुमान जिम्मेदार नहीं हैं. आग लगाने वाला जिम्मेदार है.''


वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, ''1972 से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा था. 2002 के दंगों में 300 हिंदू पुलिस की गोलियों से मारा गया. सिर्फ मुसलमान नहीं मरे. 50 हजार हिंदू जेल गये. आज भी सैकड़ों जेल में हैं. सत्ता तो आपको (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) मिली.''


चुनाव में क्या होगा स्टैंड?
प्रवीण तोगड़िया ने 2019 में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा, ''अगर प्रवीण तोगड़िया को मुख्यमंत्री बनना होता तो 2001 में ही मुख्यमंत्री बन गया होता. हमने समाज को जगाया है. वह अपना वादा पूरा करें. करते हैं तो अच्छा. वरना हिंदुओं की इच्छा पूर्ति के लिए हम निकलेंगे.''


''मेरे बड़े भाई, गुजराती में मोटे भाई (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी). जो 1972 से मेरे घर में आते थे, स्कूटर पर बैठते थे, खाते थे. इमरजेंसी में 'अंधेरे में दो प्रकाश अटल बिहारी-जय प्रकाश' जैसे नारे दिवारों पर लिखते थे. उनको (मोदी) मैंने पत्र लिखा. मैंने उनके वादे याद दिलाए.''


तोगड़िया ने कहा कि एफडीआई, आधार, किसान कर्जमाफी, मनरेगा, राम मंदिर सभी मसलों पर मोदी सरकार ने यू-टर्न लिया. मजदूरों के खिलाफ काननू लाए गए. लाखों मजदूर सड़क पर आ गए.


तोगड़िया ने कहा, ''जो भी मांग है रोजगार, मंदिर, किसान कर्जमाफी जैसे मुद्दे पूरे नहीं हुए तो मैं मोदी जी के साथ खड़ा नहीं रहूंगा. मैं जनता के बीच रहूंगा. मैं चाहूंगा कि सरकार वादे पूरे करे और हमें जनता के बीच जाने का मौका न मिले. अगर हम जनता के बीच गए तो कौन-कहां होगा यह भारत की जनता तय करेगी.''