तिलमिलाए तोगड़िया ने VHP छोड़ी, 17 अप्रैल से करेंगे अनशन
तोगड़िया ने कहा भारत में हिंदुओं के रामराज्य की स्थापना, किसानों की कर्जामुक्ति, सस्ती गुणवत्ता युक्त शिक्षा, सभी युवाओ को रोजगार, महिला सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, छूआछूत मुक्त भारत, मजदूरों के हितों की रक्षा, सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दे पर सभी पर कार्यकर्ता निष्ठा से जुट जाएंगे. सभी हिंदुओं से निवेदन है कि अब सुरक्षित हिंदू समृद्ध की ओर बढ़ें.’’
नई दिल्ली: वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया को बड़ा झटका लगा है. अध्यक्ष पद पर उनके गुट के प्रत्याशी की हार हो गई है. इस तरह वीएचपी में तोगड़िया युग का अंत हो गया है. अब तिलमिलाए तोगड़िया ने भी वीएचपी छोड़ने और 17 अप्रैल से अनशन शुरू करने का एलान कर दिया है. तोगड़िया की नाराजगी के बावजूद हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वीएस कोकजे (विष्णु सदाशिव कोकजे) को आज वीएचपी का नया अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. VHP में 'तोगड़िया युग' की समाप्ति, वीएस कोकजे बने अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष
तोगड़िया के करीबी को मिले 60 वोट
कोकजे ने तोगड़िया के करीबी माने जाने वाले राघव रेड्डी को हराया. कोकजे अब तोगड़िया की जगह लेंगे. अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए 192 लोगों ने वोट डाले, जिसमें से 131 वोट कोकजे के पक्ष में और 60 वोट राघव रेड्डी के पक्ष में पड़े. वहीं एक वोट अवैध करार दिया गया.
कुछ लोगों ने स्वार्थ के लिए विचारधारा की बलि चढ़ाई: तोगड़िया
तोगड़िया ने कहा, ''भारत में हिंदुओं के रामराज की स्थापना, किसानों की कर्जामुक्ति, सस्ती गुणवत्ता युक्त शिक्षा, सभी युवाओं को रोजगार, महिला सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, छूआछूत मुक्त भारत, मजदूरों के हितों की रक्षा, सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दे पर सभी पर कार्यकर्ता निष्ठा से जुट जाएंगे. सभी हिंदुओं से निवेदन है कि अब सुरक्षित हिंदू समृद्ध की ओर बढ़ें.’’ उन्होंने कहा कि कलियुग में कुछ लोगों ने स्वार्थ में विचारधारा की बलि चढ़ाई है तो भी हम हमारे संस्कार नहीं छोड़ सकते. 'मास्टर स्ट्रोक' शो में बोले VHP नेता प्रवीण तोगड़िया- राम मंदिर, किसानों पर मोदी सरकार ने लिया यू-टर्न
बीजेपी और आरएसएस से नाराज चल रहे हैं तोगड़िया
राम मंदिर के मसले पर संसद के द्वारा कानून बनाए जाने की मांग पर अड़े तोगड़िया काफी समय से आरएसएस और बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. वहीं खुले तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना कर चुके हैं. ऐसे में तोगड़िया या उनके करीबियों का चुना जाना पहले से भी असंभव माना जा रहा था.