इलाहाबाद: विश्व हिंदू परिषद(वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया को उनके पद से हटाया जा सकता है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद की मार्गदर्शक मंडल के एक सीनियर सदस्य ने कहा है कि केन्द्र और राजस्थान सरकार की आलोचना करने के कारण प्रवीण तोगड़िया को वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हटाया जा सकता है.


हालांकि, संत सम्मेलन में आए कुछ नेताओं ने वीएचपी नेता ने तोगड़िया का समर्थन किया. बता दें कि कुछ दिनों पहले करीब 12 घंटे लापता रहने के बाद तोगड़िया अहमदाबाद के शाही बाग इलाके में बेहोशी की हालत में मिले थे. होश में आने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेस कर उन्होंने इंटेलीजेंस ब्यूरो(आईबी) द्वारा अपने एनकाउंटर होने की साजिश का आरोप लगाया था.


अखबार के मुताबिक वीएचपी नेता स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि तोगड़िया ने अनुशासनहीनता की है और उन्हें जल्दी ही बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. हालांकि पहले भी ऐसी खबरें आ रहीं थीं कि केन्द्र से तोगड़िया का अनबन होने के चलते राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) उनका कद छोटा करना चाहता है.


मार्गदर्शक मंडल के सदस्य ने कहा कि तोगड़िया वीएचपी में अपना स्थान खो चुके हैं. चिन्मयानंद ने कहा कि संगठन में ज्यादातर लोग खुश हैं कि तोगड़िया का कद छोटा किया जा रहा है. हाल ही में जो कुछ उन्होंने किया है, ये उनकी अनुशासनहीनता को दर्शाता है. वीएचपी में अब उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. अब तोगड़िया का वीएचपी से कोई संबंध नहीं है.


हालांकि अखबार के मुताबिक वीएचपी के महासचिव चंपत राय ने कहा, "कौन कहता है कि तोगड़िया जी का कद छोटा किया जा रहा है? वो हमारे और समाज के लिए प्रिय हैं."


बता दें कि प्रवीण तोगड़िया विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. तोगड़िया पेशे से मशहूर कैंसर सर्जन हैं. दस साल की उम्र में वे आरएसएस में शामिल हो गए थे. 22 साल की उम्र में तोगड़िया संघ स्वंय सेवकों के मुख्य मार्गदर्शक चुने गए थे. 27 साल की उम्र में तोगड़िया विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और ध्वस्त सोमनाथ मंदिर को देखने के बाद वो हिंदुत्व के लिए काम करने लगे. वह मुसलमानों पर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं.