Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी को साधु-संतों के शाही स्नान के साथ हुआ, लेकिन संगम के पवित्र जल को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने त्रिवेणी के जल की शुद्धता पर सवाल उठाते हुए प्रशासन से इसका वैज्ञानिक प्रमाण मांगा. उन्होंने कहा "ये जानना जरूरी है कि संगम का जल स्नान और आचमन के लिए शुद्ध है या नहीं."


शंकराचार्य के सवालों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं संगम के जल में स्नान और आचमन किया है और ये जल पूरी तरह शुद्ध और पवित्र है. मुख्यमंत्री ने कहा "पिछले तीन महीनों में मैंने संगम का कई बार दौरा किया है. हर बार मैंने जल का निरीक्षण किया, उसमें स्नान किया और आचमन किया. मेरा स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है." कुछ लोगों ने केवल दुष्प्रचार का ठेका सा लिया हुआ है.


गंगा-यमुना के जल पर मुख्यमंत्री का दावा


सीएम योगी ने ये भी कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार संगम में इतना विस्तृत जल स्तर देखा गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि "गंगा और यमुना में 10,300 से ज्यादा क्यूसेक जल की उपलब्धता है जो ये साबित करता है कि श्रद्धालु बिना किसी संकोच के स्नान और आचमन कर सकते हैं".


मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को त्रिवेणी के पवित्र जल पर विश्वास बनाए रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा "त्रिवेणी का पवित्र जल हमारी आस्था और संस्कृति का प्रतीक है. ये केवल एक नदी नहीं बल्कि हमारी परंपराओं और मान्यताओं का अभिन्न हिस्सा है. मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूं कि वे बिना किसी संकोच और चिंता के इस पवित्र जल में स्नान और आचमन करें. ये जल न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि हमारी श्रद्धा और विश्वास को भी प्रबल बनाता है."


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