नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 4500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए प्रयागराज आए थे. पीएम मोदी ने आज प्रयागराज (इलाहाबाद) में 2019 के कुंभ मेला के लिए अत्याधुनिक कमांड और कंट्रोल सेंटर का शुभारंभ किया और यहां जनसभा को संबोधित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि ये पार्टी न्यायपालिका पर दबाव बनाने का काम करती है और इसे नियंत्रित करने की कोशिश करती है.





पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में न्यायपालिका देश के संविधान को सर्वोपरि रख कर के काम करती है लेकिन देश इस बात का भी गवाह रहा है कि न्यायपालिका को अपने हिसाब से मोड़ने के लिए कैसे एक राजनीतिक दल द्वारा लोभ, लालच, सत्ता सबका इस्तेमाल किया जाता रहा है. उनका इशारा कांग्रेस की तरफ था.





 कांग्रेस पर लगाए आरोप
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज वो जगह है जिसे उत्तर प्रदेश में न्याय का मंदिर कहा जाता है. हालांकि बीते कुछ समय से जिस तरह एकबार फिर न्यायपालिका पर दबाव का खेल शुरू हुआ है उसके लिए युवा को सतर्क किया जाना जरूरी है. देश में सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली पार्टी ने देश में खुद को सबसे ऊपर माना है और देश की संस्थाओं को इस पार्टी ने बर्बाद किया है. इसी मनमानी की वजह से हमारे देश की न्यायपालिका को भी कमजोर करने का प्रयास किया है, इस बात को प्रयागराज और यूपी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है.


पीएम मोदी का आरोप -कांग्रेस ने जज को धमकाया
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि जब कांग्रेस पार्टी सत्ता पक्ष में होती हैं तो मामलों को लटकाने और विपक्ष में होती हैं तो न्यायधीशों को धमकाने का काम करती है. केशवानंद के केस में सबसे सीनियर जज को न्यायाधीश बनाने की बजाय 3 जजों के बाद आने वाले को जज बनाया गया. वहीं एक जज से पूछा गया कि क्या आप नहीं चाहते कि आपकी पत्नी करवाचौथ मनाए? इस तरह जजों को अपने हिसाब से न चलने पर धमकाने का कांग्रेस का इतिहास रहा है.





इंदिरा गांधी का हवाला देकर हुए हमलावर
पीएम ने कहा कि यूपी के लोग वो दिन याद करें जब इस पार्टी के सर्वोच्च नेता द्वारा यहां के जनमानस का सम्मान नहीं किया गया. प्रयागराज के हाईकोर्ट ने उनकी नेता (इंदिरा गांधी) को हटा दिया. उस समय यहां तक कोशिश हुई कि न्यायपालिका से चुनाव की याचिका को सुनने का अधिकार छीन लिया जाए. कांग्रेस की यही आदत रही है. जो झुकता नहीं उसे तोड़ने की कोशिश की जाती रही हैं. न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए छल का भी इस्तेमाल किया जाता है, अपनी साजिश को सफल करने के लिए कपट और धूर्तता की हर हद पार कर दी जाती है.


आपातकाल को याद किया
आपातकाल के फैसले पर जब जस्टिस खन्ना ने असहमति जताई तो उनके साथ भी यही किया गया. कांग्रेस अपने स्वार्थ के आगे देश हित नहीं देखती है. इनके नेता का सार्वजनिक तौर पर दिया गया बयान चर्चा में रहा था और उन्होंने कहा कि हम मुख्य न्यायाधीश उसी को बनाएंगे जो हमारे हिसाब से चले.


महाभियोग पर भी बोले
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने सर्वोच्च न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी की जो कि साफ तौर पर जजों को धमकाने का तरीका है. हर संस्था को बर्बाद करने के बाद अब ये पार्टी लोकतंत्र की दुहाई दे रही है. कांग्रेस का इतिहास जितना स्याह है वर्तमान उतना ही कलंकित है. हमारे लिए राष्ट की संस्कृति हमारी सोच का हिस्सा है लेकिन कांग्रेस को देश से कोई मतलब नहीं है. उन्हें खास मौकों पर ही संस्कृति याद आती है.