नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के मरकज़ में शामिल होने आए लोगों में कोरोना के लक्षण की खबर के बाद अफरातफरी का माहौल है. तब्लीगी जमात के निज़ामुद्दीन मरकज़ में कई विदेशी नागरिकों सहित लगभग 1,800 लोगों में COVID-19 के कई लक्षण दिखाई दे रहे हैं, हालांकि अभी जांच रिपोर्ट्स आनी बाकी है.


अब टाइम्स ऑफ इंडिया के खबर के मुताबिक मरकज़ में शामिल होने आए विदेशियों, जिसमें ज्यादातर धर्म उपदेशक हैं उनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन करने को लेकर केस चलेगा. दरअसल ये सभी लोग टूरिस्ट वीजा पर यहां आए थे. धर्म का प्रचार करना वीजा नियमों का साफ तौर पर उल्लंघन है. नियमों का उल्लंघन करने पर कई तरह की कानूनी कार्रवाई इन लोगों के खिलाफ की जा सकती है. इनका भारत आने पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है.


बता दें कि सोमवार को पुलिस खो खबर मिली की इस इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं. पुलिस ने पूरा इलाकता सील कर दिया और सभी को जांच के लिए अस्पताल ले जा रही है.


इसी बीच खबर आई कि तब्लीगी जमात के प्रमुख के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने FIR का आदेश दिया है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने इससे इनकार किया है.


सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि दिल्ली सरकार की तरफ से मरकज को लेकर अभी तक कोई शिकायत दिल्ली पुलिस को नहीं मिली है. लिहाजा केस अभी तक दर्ज नहीं हुआ है. दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि यदि दिल्ली सरकार शिकायत नहीं देती है तो दिल्ली पुलिस संज्ञान लेकर भी मुकदमा दर्ज कर सकती है.


क्या है मामला


दरअसल रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. सैंकड़ों लोगों के टेस्ट हो चुके हैं. इन सबकी रिपोर्ट मंगलवार यानी आज आने की संभावना है.


इस वक्त पूरा इलाका सील कर दिया गया है. इसमें तबलीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है. पुलिस वालों का कहना है कि वे लोगों की पहचान करके उन्हें अस्पताल में क्वारंटाइन के लिए भेज रहे हैं.


दरअस 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था.स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे. इस वक्त देश में कोरोना वायरस के मद्देनज़र लॉकडाउन लगा है और किसी भी तरह की धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं है.


क्या है तब्लीगी जमात?


तब्लीगी जमात की स्थापना को लेकर एक इतिहास है. दरअसल इसकी स्थापना 1926-27 में की गई थी. हुआ कुछ यूं कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम कबूल कर लिया था. मुगल काल के बाद जब अंग्रेजों की हुकूमत देश पर हुई तो आर्य समाज द्वारा फिर उन लोगों का शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश कराने की शुरूआत की गई. इसी के मद्देनज़र दूसरी तरफ मौलाना इलियास कांधलवी ने मुसलमानों के बीच इस्लाम की शिक्षा देने के लिए तबलीगी जमात की स्थापना की. उन्होंने निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ तबलीगी जमात का गठन किया. इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया.