गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने को लेकर बने सस्पेंस को एक बार फिर से खत्म करते हुए सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वे कोविन प्लेटफॉर्म पर रिजस्ट्रेशन करवा सकती हैं या फिर सीधे वैक्सीनेशन सेंटर पर भी पहुंच सकती हैं. इसके साथ ही, सरकार ने कहा कि उसने राज्य सरकारों से इससे संबंधित नियम और प्रक्रियाओं को साझा कर दिया है.


कोरोना के चलते गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों को लेकर पैदा हुई चिंताओं के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रीलय ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि गर्भवती महिलाएं कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगा सकती हैं और उन्हें लगवानी चाहिए.


पिछले महीने तक स्तनपान कराने वाले महिला कोरोना वैक्सीन लगाने के योग्य थी लेकिन गर्भवती महिलाएं नहीं थीं. सरकार ने कहा था कि ऐसा वजह सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा की कमी के कारण था क्योंकि टीकों के नैदानिक ​​परीक्षणों में आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को प्रतिभागियों के रूप में शामिल नहीं किया जाता है.


पिछले हफ्ते समाचार एजेंसी एएनआई ने आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था- “केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी की है कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाई जा सकती है.” गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन एनटीएजीआई, यानी टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा मई में चर्चा किए गए विषयों में से एक था.


राहुल ने टीके उपलब्ध नहीं होने का दावा किया, हर्षवर्धन का पलटवार 


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की कथित कमी का हवाला देते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि जुलाई का महीना आ गया है, लेकिन टीके नहीं आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हर्षवर्धन ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जुलाई का महीना आ गया है, वैक्सीन नहीं आयीं.’’


हर्षवर्धन ने उन पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अभी कल ही मैंने जुलाई के लिए टीके की उपलब्धता को लेकर तथ्य सामने रखे थे. राहुल गांधी जी की समस्या क्या है? क्या वह समझते नहीं हैं? अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है. कांग्रेस को अपने नेतृत्व में आमूल-चूल बदलाव के बारे में विचार करने की जरूरत है.’’


दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि सरकार ने इस साल दिसंबर तक देश के सभी वयस्क नागरिकों को टीका लगाने का जो लक्ष्य रखा है उसे पूरा करने के लिए उचित संख्या में टीकाकरण नहीं हो रहा है क्योंकि टीके की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है. दूसरी तरफ, गुरुवार को सुबह सात बजे प्रकाशित स्वास्थ्य मंत्रालय के टीकाकरण आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत कल तक टीके की 33.57 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी थीं.


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