पार्लियामेंट सेशन छोटा करने की तैयारी, कोरोना के बढ़ रहे मामलों से चिंता में सांसद
14 सितंबर से शुरू हुए इस सत्र में अबतक कुल मिलाकर 162 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें क़रीब 30 सांसदों के अलावा संसद के कर्मचारी भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते आंकड़ों का असर अभी जारी संसद सत्र पर भी पड़ सकता है. संसद सत्र की अवधि कम किए जाने की संभावना है. आज लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में लोकसभा के बिजेनस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई. बैठक में मौजूद सभी दलों के सदस्यों में इस बात को लेकर सहमति बनी कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सदन की कार्यवाही को निर्धारित समय से पहले ख़त्म किया जाए. संसद के वर्तमान सत्र की अवधि 1 अक्टूबर तक तय की गई है.
कमेटी की बैठक में तय किया गया कि सरकार के ज़रूरी विधायी काम पूरे होने के बाद सदन की कार्यवाही ख़त्म होना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक़ संसद का सत्र अपने नियत समय से एक हफ्ता पहले ख़त्म किए जाने की संभावना है. सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले उन सभी 11 अध्यादेशों पर संसद की मंज़ूरी दिलवाना है जो कोरोना काल में जारी किए गए थे. इन अध्यादेशों में किसानों से जुड़े तीन अहम अध्यादेश भी हैं जिनपर देश के कई राज्यों में बवाल मचा है. कुल 11 अध्यादेशों में से 7 लोकसभा से जबकि 4 राज्यसभा से पारित हो चुके हैं.
जो महत्वपूर्ण बिल सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं उनमें कामगारों और मज़दूरों से जुड़े तीन अहम बिल भी शामिल हैं. आज ही लोकसभा में पेश किए गए इन तीनों बिलों पर मंगलवार को पारित किए जाने की संभावना है. इसके बाद इन्हें राज्यसभा से पारित करवाया जाएगा. इसके अलावा जम्मू कश्मीर आधिकरिक भाषा बिल और विदेशी चंदा ( नियामक ) संशोधन बिल को भी सरकार पारित करवाना चाहती है.
14 सितंबर से शुरू हुए इस सत्र में अबतक कुल मिलाकर 162 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें क़रीब 30 सांसदों के अलावा संसद के कर्मचारी भी शामिल हैं. अभी तक लोकसभा के दो और राज्यसभा के एक सांसद की कोरोना से मौत भी हो चुकी है. 2 कैबिनेट मंत्री भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। देशभर में रोज़ाना औसतन 90000 नए मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली में भी रोज़ाना 4000 से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
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