गांधीनगरः बीजेपी शासित राज्य मध्यप्रदेश के बाद अब गुजरात में भी 'लव जिहाद' पर कानून लाने की तैयारी हो रही है. गुजरात सरकार अब प्यार और शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक कानून लाने की योजना बना रही है.
हालांकि गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2003 का घोषित उद्देश्य जबरन धर्मपरिवर्तन को रोकना ही है. इसके तहत बल,लालच और धोखाधड़ी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण नहीं कराया जा सकता. राज्य सरकार ने 'लव जिहाद' के लिए नया कानून लाने या फिर या 'लव जिहाद' के पहलू को मौजूदा कानून में शामिल करने के लिए विचार-विमर्श कर रही है.
विभागों को कानून बनाने का निर्देश
सरकार ने संबंधित गृह, कानून और संसदीय मामलों को विभागों कानूनी रूप से 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने का निर्देश दिया है जैसा कि उतरप्रदेश और मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकारों ने लागू किया है. वहीं, सरकार, एक प्रमुख सरकारी के अनुसार,इस बीच सरकार 'लव जिहाद' के खिलाफ एक कानून लाने के लिए अध्यादेश लाने पर भी विचार कर रही है. "
मौजूदा कानून में है 3 साल तक की कैद का प्रावधान
गुजरात सरकार के 2003 के कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को धर्म बदलने के लिए जिला ऑथरटीज से पहले अनुमति लेनी हीती है. इस कानून के तहत जबरन धर्म परिवर्तन का दोषी पाए जाने व्यक्ति को तीन साल तक की कैद और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
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