नई दिल्ली: जेनेरिक दवाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोर देने का स्वागत करते हुए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आज देश में नकली और घटिया दवाओं के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कानूनों की वकालत की. आईएमए ने अपने तीन लाख सदस्यों को पत्र लिखकर उनसे रोगियों को जेनेरिक दवाएं लिखने पर समर्थन देने को कहा है.


आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल ने कहा, ‘‘इसे वास्तविकता बनाने के लिए हमारे देश में नकली और घटिया दवाओं की आवक बढ़ने, केमिस्ट द्वारा अनधिकृत तरीके से जेनेरिक दवाएं देने और सरकारी किफायदी दाम वाली दवा दुकानों की जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी है.’’ इसमें कहा गया है कि आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची के तहत स्टेंट को शामिल करने से उसके और अन्य उपकरणों के दाम गिरे हैं.


आईएमए ने सुझाव दिया है कि जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता के नियंत्रण के लिए जिम्मेदार विभाग को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन लाना चाहिए, जो फिलहाल रसायन और पेट्रोलियम मंत्रालय के पास है. इसमें सदस्य डॉक्टरों को सलाह दी गयी है कि परामर्श देते समय ‘जन औषधि’ लिखें और दवा का जेनेरिक नाम और कंपनी का नाम भी लिखें.