नई दिल्लीः आज आरक्षण का फायदा देश के वंचितों तक और सार्थक तरीके से पहुंचाने से जुड़ा एक एलान हुआ है. ओबीसी आरक्षण में सभी जातियों का कोटा तय करने की समीक्षा के लिए राष्ट्रपति ने आयोग बनाया. आयोग बताएगा कि क्या अन्य पिछड़ी जातियों का कोटा तय हो सकता है?


ओबीसी की अति पिछड़ी जातियों को फायदा देने की मंशा से इस कमीशन का गठन किया गया है. आयोग इस बात की पड़ताल करेगा कि क्या ओबीसी की जातियों को आरक्षण का बराबर फायदा मिल रहा है या नहीं मिल रहा है.


इस कमीशन का मुख्य उद्देश्य ओबीसी जातियों में आरक्षण के बराबर फायदे के तरीके सुझाना है. गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण के तहत अभी 27 फीसदी का आरक्षण मिलता है. यह कमीशन तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगा.


इस कमीशन के तहत अन्य पिछड़ी जातियों का ओबीसी के तहत उप-वर्गीकरण किया जाएगा. वास्तविक रूप से जिन अन्य पिछड़ी जातियों को आरक्षण की जरूरत है उन्हें ओबीसी के तहत आरक्षण के दायरे में लाया जाएगा.


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज महात्मा गांधी के जन्मदिवस के मौके पर संविधान के आर्टिकल 340 के तहत इस कमीशन का गठन किया है. इससे उन्हें सामाजिक न्याय और बराबरी का अधिकार दिलाने की योजना पर सरकार बेहतर तरीके से काम कर पाएगी.


सरकारी नौकरियों और केंद्र सरकार के संस्थानों में मिलने वाले लाभों को ज्यादा बेहतर तरीके से अन्य पिछड़ी जातियों तक पहुंचाने के लिए सरकार इस कमीशन द्वारा दी गई रिपोर्ट में दिए गए तरीकों और रास्तों को अपना सकती है. इस कमीशन के जरिए जो सिफारिशें दी जाएंगी उनके जरिए अन्य पिछड़ी जातियों के लोगों के सर्वांगीण विकास का रास्ता खुल सकता है.


इस कमीशन का स्वरूप कुछ इस तरह होगा


(i) चेयरपर्सन- रिटायर्ड जस्टिस जी रोहिणी


(ii) सदस्य डॉ जे.के. बजाज


(iii) सदस्य- ऑन्थ्रोपोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर


(iiii) सदस्य (पूर्व अधिकारी)


(v) कमीशन का सेक्रेटरी- सामाजिक न्याय और आधिकारिता के जॉइंट सेक्रेटरी के अलावा भारत के रजिस्ट्रार जनरल और सेंसेस (जनगणना) कमिशनर


इस कमीशन को अपने चेयरपर्सन के गठित होने और उनके चार्ज संभाल लेने के 12 हफ्तों के भीतर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपनी होगी.