नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस के अलावा सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 30 से बढाकर 33 किए जाने संबंधी एक विधेयक पर दस्तखत कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (जजों की संख्या) संशोधन विधेयक को इसी सप्ताह संसद की मंजूरी मिली थी. फिलहाल, शीर्ष न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) समेत कुल 31 पद हैं. कानून लागू होने के बाद सीजेआई को छोड़कर 33 पद होंगे.
शीर्ष न्यायालय में मामलों की बढती संख्या के मद्देनजर जज के पदों की संख्या में इजाफे के लिए विधेयक लाया गया था. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट में करीब 60 हजार मामले लंबित हैं. यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है, जब कुछ दिन पहले देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शीर्ष न्यायालय में जजों की संख्या बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था.
विधि मंत्रालय ने 11 जुलाई को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि शीर्ष अदालत में 59,331 मामले लंबित हैं . चीफ जस्टिस ने कहा था कि जजों की अपर्याप्त संख्या के कारण कानून के सवालों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों पर फैसले के लिए जरूरत के मुताबिक संविधान पीठ नहीं गठित हो पा रही.
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