(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
President Murmu On UCC: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की UCC की तारीफ, गोवा को बताया देश के लिए उदाहरण
President Murmu In Goa: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी समुदायों के पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार देता है.
President Droupadi Murmu On UCC: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार (22 अगस्त) को गोवा के एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर अपने विचार देश के सामने रखे. राष्ट्रपति मुर्मू ने गोवा सरकार की ओर से आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में संबोधित किया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ये गर्व की बात है कि गोवा के लोगों ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को स्वीकार किया है और यह पूरे देश के लिए एक अच्छा उदाहरण है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "यह गोवा के लिए गर्व की बात है कि यहां के लोगों ने समान नागरिक संहिता को अपनाया है. सामान्य नागरिक संहिता यहां की महानगरीय संस्कृति का एक उदाहरण है, जो गोवा में रहने वाले सभी समुदायों की महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार देती है. ये संहिता हमारे देश के संविधान के निर्देशों के मुताबिक है और यह पूरे देश के लिए एक अच्छा उदाहरण है."
उन्होंने कहा कि गोवा के लोग अच्छी मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं और इसलिए राज्य में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देती हूं. एक पर्यटन केंद्र के साथ गोवा, शिक्षा, व्यापार और वाणिज्य, उद्योग, प्रौद्योगिकी व रक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में भी जाना जाता है.
गोवा में लागू है कॉमन सिविल कोड
गोवा में 1867 का समान नागरिक कानून सभी समुदाय के नागरिकों पर लागू होता है. हालांकि कैथोलिक ईसाइयों और दूसरे समुदायों के लिए कुछ नियम अलग हैं. जैसे कि केवल गोवा में ही हिंदू दो शादियां कर सकते हैं.
1961 में गोवा एक क्षेत्र के तौर पर भारतीय संघ में शामिल हुआ. 1962 में गोवा दमन और दीव प्रशासन अधिनियम लागू हुआ. इसके बाद गोवा राज्य को 1867 के पुर्तगाली नागरिक संहिता को लागू करने की अनुमति दी गई. समान नागरिक संहिता के तहत एक ऐसा कानून पारित किया गया जिसमें किसी धर्म, लिंग और लैंगिक झुकाव की परवाह नहीं की जाएगी. गोवा में ये कानून पति और पत्नी के साथ-साथ संतानों (लड़का-लड़की में भेद किए बिना) के बीच धन और आय के समान बंटवारे की अनुमति देता है.