'उपराष्ट्रपति का अपमान देखकर निराशा हुई', संसद परिसर में जगदीप धनखड़ की मिमिक्री से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दुखी
Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankar: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री मामले पर एक के बाद एक नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं.
Rajya Sabha Chairman: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री यानी नकल उतारने का मामला गरमाता जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि संसद में जिस तरह से जगदीप धनखड़ को अपमानित किया गया है, उससे वह निराश हुई हैं. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी सांसदों के व्यवहार पर नाराजगी जताई है. बिरला ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात भी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उपराष्ट्रपति के साथ हुए व्यवहार पर दुख जताया.
दरअसल, संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में मंगलवार (19 दिसंबर) को संसद परिसर में 'मॉक कार्यवाही' का आयोजन किया गया. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की. जिस वक्त बनर्जी ऐसा कर रहे थे, उस वक्त कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वीडियो बना रहे थे. इस दौरान बाकी के विपक्षी सांसदों को भी ठहाके लगाकर हंसते हुए देखा गया. बनर्जी की इस हरकत के लिए उनकी आलोचना हो रही है.
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'संसद परिसर में जिस तरह से हमारे सम्मानीत उपराष्ट्रपति को अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई. चुने गए प्रतिनिधियों को अभिव्यक्ति की आजादी मिलनी चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के नियमों के भीतर होनी चाहिए. ये संसदीय परंपरा रही है, जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं.'
लोकसभा स्पीकर ने की उपराष्ट्रपति से मुलाकात
लोकसभा स्पीकर कार्यालय ने बताया कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की है. उन्होंने संसद परिसर में विपक्षी सांसदों के जरिए उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद का अपमान और उनके जरिए किए गए गंभीर दुर्व्यवहार के बारे में अपनी चिंता और पीड़ा व्यक्त की.
पीएम ने भी जताया दुख
राज्यसभा सभापति के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर प्रधानमंत्री ने भी दुख जताया है. उन्होंने सभापति से बात की और कहा कि वह खुद भी पिछले 20 सालों से इस तरह के अपमान का सामना कर रहे हैं और यह सिलसिला अभी भी जारी है. लेकिन भारत के उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ यह होना, वह भी संसद में, दुर्भाग्यपूर्ण है.