President Murmu In Odisha: ' मैं आज यहां इसलिए हूं क्योंकि... ', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा में क्यों कही ये बात?
President Droupadi Murmu In Odisha: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने गृह राज्य ओडिशा के दौरे पर कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण भारत को "विश्व गुरु" (विश्व नेता) के तौर पर स्थापित करने का 'मंत्र' है.
President Droupadi Murmu On Yoga: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार (10 फरवरी) को कहा कि जब वह मानसिक और शारीरिक दर्द में थीं तब योग ने उनकी मदद की थी. उन्होंने कहा इसके नियमित अभ्यास से लोगों की जिंदगी के सभी क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण भारत को "विश्व गुरु" (विश्व नेता) बनाने का मंंत्र है.
भुवनेश्वर (Bhubaneswar) में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. राष्ट्रपति मुर्मू ने योग के अभ्यास की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ये नागरिकों को आध्यात्मिक तौर से विकसित करने में मदद कर सकता है, जिससे लोगों और पूरे देश का समग्र विकास हो सकेगा. दरअसल राष्ट्रपति मुर्मू अपने गृह राज्य की दो दिवसीय यात्रा पर हैं.
'मैं टूटा हुआ महसूस करती थी'
धर्मार्थ संगठन ज्ञानप्रभा मिशन (Jnanaprabha Mission) के स्थापना दिवस समारोह में अपने खुद की जिंदगी के अनुभव को साझा करते हुए,राष्ट्रपति ने कहा, "एक समय में, मैं शारीरिक और मानसिक तौर से पूरी तरह से टूटा हुआ महसूस कर रही थी और योग करने लगी. मैं आज यहां आपके सामने खड़ी हूं और आपसे सामने बात कर पा रही हूं ये सिर्फ योग की वजह से ही है." हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. दरअसल राष्ट्रपति मुर्मू ने 2015 में झारखंड के राज्यपाल बनने से पहले बहुत कम वक्त में अपने दो बेटों, पति और भाई को खो दिया था.
'योग आत्मा और देवत्व के बीच संबंध है'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि में सभी से अपील करती हूं कि वो शरीर और मन को स्वस्थ रखते हुए बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं और ये केवल योग से संभव है. उन्होंने कहा कि योग आत्मा और देवत्व के बीच एक संबंध के तौर पर काम करता है." राष्ट्रपति ने कहा, "शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक जागृति के लिए कोशिश करने की जरूरत है."
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इंसान को जिंदा रहने के लिए धन और अन्य सामान की जरूरत होती है, लेकिन व्यक्ति को भौतिकवादी चीजों के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए और आध्यात्मिक जागृति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो उसे जीवन में एक नई ऊंचाई तक ले जाने में मदद करेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ये भी कहा कि उन्होंने कहा कि यह भारत की कोशिशों की वजह से ही दुनिया को अब योग के महत्व का एहसास हुआ है.
'महिलाओं की उपेक्षा कर देश 'विश्व गुरु' नहीं बन सकता'
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "चाहे वह आध्यात्मिकता, राजनीति, शिक्षा या कोई अन्य क्षेत्र हो, महिलाओं ने सभी में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. वे इंसान को पैदा करती हैं और ये इंसान एक देश को मजबूत बनाते हैं." उन्होंने कहा कि भारत की आधी आबादी महिलाओं की है, इसलिए उनकी उपेक्षा करके देश 'विश्व गुरु' नहीं बन सकता है. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत पहले ही अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 5वें जगह पर आ गया है और देश को सभी क्षेत्रों में नंबर 1 बनने की जरूरत है.
ये भी पढ़ेंः Budget Session 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुई बजट सत्र की शुरुआत, सरकार की गिनाई उपलब्धियां