President Droupadi Murmu In Jharkhand: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने बुधवार (24 मई) को झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन और परिसर का उद्घाटन किया. 550 करोड़ रुपये की लागत से बना ये भवन 165 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित है. उद्घाटन समारोह में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चीफ जस्टिस, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री और तमाम जजों से ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक प्रणाली तैयार करने के लिए कहा जहां फैसले लागू नहीं किए जाते हैं. उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने वर्षों से केस लड़ने के लिए अपना समय, ऊर्जा और पैसा खर्च किया है, उन्हें सही मायने में न्याय मिलना चाहिए. बड़ी संख्या में लोग विचाराधीन कैदियों के रूप में सालों तक जेलों में सड़ते हैं. जेलें खचाखच भरी हुई हैं जिससे उनका जीवन और भी कठिन हो गया है. हमें समस्या के मूल कारण का पता लगाना चाहिए."
'न्याय की पहुंच से दूर रह जाते हैं कई नागरिक'
उन्होंने आगे कहा, "न्याय की भाषा समावेशी होनी चाहिए, ताकि विशेष मामले के पक्षकार और बड़े पैमाने पर इच्छुक नागरिक व्यवस्था में प्रभावी हितधारक बन सकें. यह देखा गया है कि केस लड़ने के खर्च के कारण कई नागरिक न्याय की पहुंच से दूर रहते हैं." उन्होंने न्याय की पहुंच का विस्तार करने के लिए नए तरीके निकालने का भी आग्रह किया है.
'समय और पैसा होता है बर्बाद'
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन समस्याओं से जल्द निकलकर बाहर आएंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि यह नई बिल्डिंग जज, वकील और कर्मचारियों में उत्साह भरेगी. कई केस हाई कोर्ट में फाइनल होते हैं, कई सुप्रीम कोर्ट में. फैसले जब आते हैं तब लोग खुश होते हैं. समय लगा लेकिन न्याय मिल गया लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें महसूस होता है कि न्याय अभी मिला नहीं. लोगों को अगर वह फैसले सच होते नहीं दिखते तो उन्हें लगता है कि न जाने कितना रुपया, कितना समय बर्बाद किया."
ये भी पढ़ें: