Mercy Petition: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बच्ची के रेप और हत्या के दोषी की दया याचिका खारिज की, 2008 का है मामला
Maharashtra Girl: दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नाबालिग लड़की से बलात्कार उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है.
President Droupadi Murmu Rejects Petition: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी एक व्यक्ति की दया याचिका को खारिज कर दिया है. राष्ट्रपति भवन ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू ने महाराष्ट्र में साल 2008 में एक चार साल की बच्ची से बलात्कार करने और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के दोषी व्यक्ति की दया याचिका खारिज की.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन मई 2017 में 55 साल के वसंत संपत दुपारे की दया याचिका को खारिज कर दिया था और उसकी फांसी बरबरार रखी थी. राष्ट्रपति सचिवालय को इस साल 28 मार्च को इस मामले में गृह मंत्रालय की सिफारिश प्राप्त हुई थी. राष्ट्रपति सचिवालय ने 28 अप्रैल 2023 को दया याचिका की स्थिति से संबंधित अपडेट देते हुए बयान में कहा, "राष्ट्रपति ने 10 अप्रैल को दया याचिका खारिज कर दी है."
सुप्रीम कोर्ट ने सजा बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2014 में निचली कोर्ट और बम्बई हाई कोर्ट के साल 2008 में चार साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में महाराष्ट्र के निवासी दुपारे की मौत की सजा सुनाने के फैसले को बरकरार रखा था. शीर्ष कोर्ट ने 14 जुलाई 2016 में दुपारे की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जतायी थी जिसमें उसने दावा किया था कि निचली अदालत ने उसे अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया.
पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी थी
दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नाबालिग लड़की से बलात्कार उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है. कोर्ट ने इस मामले के घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि दोषी उसका पड़ोसी था और उसने लड़की को बहलाया फुसलाया, उसका बलात्कार किया और दो बड़े पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी.