Queen Elizabeth-II Funeral: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) यूनाइटेड किंगडम जाएंगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17-19 सितंबर 2022 को भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए लंदन जाएंगी. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. महारानी का अंतिम संस्कार 19 सितंबर को वेस्टमिंस्टर एब्बे में होगा. 


विदेश मंत्री एस. जयशंकर 12 सितंबर को यहां ब्रिटिश उच्चायोग गए और भारत की ओर से संवेदना जताई थी. महारानी के निधन पर भारत ने रविवार को एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया था. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल के शासनकाल में, भारत और ब्रिटेन के संबंध काफी विकसित और प्रगाढ़ हुए हैं. राष्ट्रमंडल के प्रमुख के रूप में उन्होंने दुनिया भर के लाखों लोगों के कल्याण के लिए अहम भूमिका निभाई. 


कई देशों के नेता होंगे शामिल


महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में सैकड़ों राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की उम्मीद है. ब्रिटेन में इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. इनके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी लंदन आएंगे. 


लंदन पहुंचा महारानी पार्थिव शरीर


ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ का पार्थिव शरीर मंगलवार शाम को स्कॉटलैंड से लंदन पहुंचा था. उनके ताबूत को अंतिम रात बकिंघम पैलेस में रखा जाएगा. महारानी के ताबूत को बुधवार से चार दिन के लिए वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा जाएगा और सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 


96 वर्ष की उम्र में हुआ निधन


महारानी का गत बृहस्पतिवार को 96 साल की उम्र में बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था. वह 70 साल से ब्रिटेन में शासन कर रही थीं. महारानी का ताबूत जब लंदन के लिए एडिनबरा हवाई अड्डे से भेजा गया तब वहां पर राष्ट्रगान की धुन बजाई गई. महारानी के ताबूत के साथ उनकी बेटी प्रिसेंस एनी भी थीं जो रॉयल एयरफोर्स (आरएएफ) के विमान से एडिनबरा से लंदन साथ आई हैं. महारानी के ताबूत को जिस विमान से लाया गया है उसका इस्तेमाल पूर्व में मानवीय सहायता में किया जाता रहा है.


आरएएफ के पश्चिमी लंदन स्थित नार्थहॉल्ट हवाई ठिकाने पर विमान के उतरते ही महारानी के ताबूत को सड़क मार्ग से मध्य लंदन स्थित बकिंघम पैलेस के लिए ले जाया गया. किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles-III) जो मंगलवार को उत्तरी आयरलैंड की यात्रा पर थे ताबूत की आगवानी करने के लिए पहले ही अपनी पत्नी कैमिला के साथ शाही आवास पर पहुंच चुके थे. ताबूत लंदन (London) पहुंचने और बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) भेजे जाने से पहले आरएएफ की तरफ से सलामी गारद दी गई. 


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