अहमदाबाद: राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज साबरमती आश्रम से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई महात्मा गांधी की विचारधारा को आगे ले जाने के लिए है.


मीरा कुमार ने एनडीए उम्मीदवार राम नाथ कोविंद से उनके मुकाबले को दलित बनाम दलित लड़ाई बताए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने पार्टी विधायकों और सांसदों से अपनी अंतरात्मा के अनुसार वोट करने की अपील की.


संयोग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साबरमती आश्रम के सौ साल पूरे होने पर शुक्रवार को ही यहां आए थे. महात्मा गांधी ने साल 1917 में इस आश्रम की स्थापना की थी और यहीं से उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था. मीरा ने आज आश्रम में लगभग 40 मिनट बिताए. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के नेता भरत सिंह सोलंकी और शंकर सिंह वाघेला भी थे.


राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होने हैं. मीरा ने कहा, ''इस समय मैं जो लड़ाई लड़ रही हूं, वह महात्मा गांधी की विचारधारा के लिए है. हमें गांधी की विचारधारा को आगे ले जाना है''.


पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, ''मैं इस जगह से कुछ शक्ति हासिल करने के लिए आई हूं. मैंने आश्रम में गांधीजी के घर हृदय कुंज में कुछ समय बिताया. मुझे आज इस लड़ाई को आगे ले जाने के लिए काफी उर्जा मिली है''. उन्होंने कहा कि आश्रम में आने से उन्हें शांति मिली है. मीरा ने आश्रम में चरखे पर भी हाथ आजमाया.


मीरा कुमार ने आगे कहा कि जब अन्य जातियों के लोग राष्ट्रपति चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जाति की चर्चा नहीं होती. लेकिन जब श्री कोविंद जी और मैं चुनाव लड़ रही हूं तो हमारे गुणों पर चर्चा करने के बदले लोग जाति पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने विधायकों और सांसदों से अपनी अंतरात्मा के मुताबिक मतदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है. उनकी विचारधारा विभाजनकारी है जबकि हमारी समावेशी है.