President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) दुविधा में है. पार्टी को डर है कि मुर्मू का विरोध करने की सूरत में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव (Panchayat Election) और 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले राज्य के आदिवासी मतदाता उससे नाराज हो सकते हैं.


पश्चिम बंगाल की आबादी में आदिवासियों की हिस्सेदारी सात से आठ प्रतिशत के बीच है. राज्य की 47 विधानसभा और सात लोकसभा सीट पर आदिवासी निर्णायक भूमिका निभाते हैं जो जंगलमहल क्षेत्र-पुरुलिया, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा और झाड़ग्राम तथा जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार में फैली हुई हैं.


तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के नाम पर सहमति बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान से पार्टी की यह दुविधा उजागर हो गई है कि एनडीए ने द्रोपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को चुनाव मैदान में उतारने से पहले अगर विपक्षी दलों से चर्चा की होती तो वह आम सहमति की उम्मीदवार हो सकती थीं.


द्रौपदी मुर्मू को लेकर ममता ने दिया था ये बयान


गौतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि अगर भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाने से पहले विपक्षी दलों से चर्चा की होती तो वह आम सहमति से उम्मीदवार बन सकती थीं.


आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज कोलकाता जाएंगी. जहां वो 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के बीजेपी सांसदों और विधायकों से मुलाकात करेंगी. बता दें कि द्रौपदी मुर्मू इन दिनों सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए अलग-अलग राज्यों का दौरा कर रही हैं और इसी क्रम में वह आज शाम कोलकाता पहुंचेंगी. 


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