नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार आम सहमति से तय होगा. वहीं, बीजेपी ने उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं.
लोकसभा और राज्य सभा के 771 सांसदों के कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट हैं. जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5 लाख 47 हजार 786 वोट. इन दोनों को जोड़ दिया जाए तो कुल वोट हुए 10 लाख 93 हजार 654. और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए.
बीजेपी का प्रेसिडेंट प्लान
लोकसभा में अभी एनडीए के पास 339 सांसद हैं और राज्यसभा में 74 सांसद हैं. क्योंकि मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं देते इसलिए लोकसभा के 337 सांसद और राज्यसभा के 70 सांसद वोट देंगे. एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है. इस हिसाब से लोकसभा में एनडीए के 2 लाख 38 हजार 596 वोट हैं और राज्यसभा में एनडीए के 49 हजार 560 वोट हैं. यानी एनडीए के सांसदों के 2 लाख 88 हजार 156 वोट हुए. यानी अब भी 2 लाख 58 हजार 672 वोट कम पड़ रहे हैं.
विधायकों के वोट का हिसाब
हर राज्य के विधायक के वोट का मूल्य अलग होता है, क्योंकि जनसंख्या के हिसाब से विधायक के वोट का मूल्य तय होता है. 29 राज्यों में से 17 राज्यों में एनडीए की सरकार है. सभी राज्यों में एनडीए के 1810 विधायक हैं, जिनके कुल वोट का मूल्य 2 लाख 44 हजार 921 वोट है. यानी जरूरी के 5 लाख 46 हजार 828 में एनडीए के सांसद और विधायक के वोट मिलाकर 5 लाख 33 हजार 77 वोट हुए.
अब भी 13 हजार 751 वोट कम पड़ते हैं. लेकिन इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस ने समर्थन का एलान कर दिया है, जिसके पास सोलह हजार वोट हैं. मतलब एनडीए के पास बहुमत से दो हजार से ज्यादा वोट हैं. वहीं विपक्ष अभी तक साझा उम्मीदवार खोजने की ही कोशिश में लगा है.