नई दिल्ली: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि वो देश के अगले राष्ट्रपति पद की होड़ में शामिल नहीं हैं. पवार ने कहा है कि मैं राजनीति से जल्दी रिटायर नहीं होना चाहता. पवार ने कहा कि विपक्ष की साझा बैठक में अब तक किसी के नाम पर चर्चा नहीं हुई. मैंने ही प्रस्ताव रखा कि सत्तापक्ष से विचार विमर्श करके आम सहमति से कोई उम्मीदवार तय किया जाए, जिसे सभी ने मान लिया. पवार ने कहा कि अगर आम सहमति नहीं बन पाती तो एक कमिटी बनाई जाए, जो उम्मीदवार पर फैसला करे.
सियासी अटकलों का बाजार गर्म है, विपक्षा के उम्मीदवार को लेकर सवाल ही सवाल हैं लेकिन लेकिन जवाब अभी फिलहाल किसी के पास नहीं है. सोनिया गांधी ने विपक्ष के 17 दलों के साथ चर्चा भी कर चुकी हैं लेकिन अभी तक किसी के नाम पर मुहर नहीं लगी है.
कौन हो सकता है विपक्ष का उम्मीदवार?
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी विपक्ष की ओर उम्मीदवार हो सकते हैं. गोपाल गांधी मोदी के गृह राज्य गुजरात के रहने वाले हैं. वे प.बंगाल के 2004 में 2009 तक राज्यपाल भी रह चुके हैं. गोपाल गांधी एक IAS ऑफिसर रहे हैं.
प्रशासनिक अधिकारी और राज्यपाल रहे गोपाल कृष्ण गांधी की पहचान एक अच्छे प्रशासक के तौर पर की जाती है, यही वजह है राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए विपक्ष की सूची में इनका नाम शीर्ष पर है.
शरद यादव के नाम की भी सुगबुगाहट
गोपाल गांधी के अलावा शरद यादव का नाम की भी सुगबुगाहट है. जेपी आंदोलन से निकले नेता शरद यादव का विपक्ष में काफी सम्मान है. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष रहे शरद यादव पार्टी के फाउंडर मेंमर्स में से एक हैं. विपक्ष के गलियारों में इनके भी नाम की चर्चा है.
शरद यादव अभी राज्यसभा के सदस्य हैं, साल 1974 में शरद यादव पहली बार लोकसभा का चुनाव जीत, सांसद बने इसके बाद साल 1999 और 2001 में अटल जी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. शरद यादव के लंबे राजनैतिक अनुभव को विपक्ष भुनाने की कोशिश में है. उनकी पकड़ हर राजनैतिक दल में मानी जाती है ऐसे में माना जा रहा हैकि उनके नाम पर सभी विपक्षी दल एक हो जाएंगे लेकिन ये सब अटकलें हैं.
इनके अलावा पूर्व एडवोकेट जनरल रहे फाली एस नरीमन समेत कई और नामों पर भी विपक्ष में चर्चा चल रही है. जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, ऐसे में विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज है, जल्द कुछ नया सुनने और देखने को मिलेगा.