डॉक्टरों पर हमला करने वालों को अब होगी सात साल की सजा, अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर
डॉक्टरों पर होने वाले हमलों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध भी जताया था. अध्यादेश के लागू होने के बाद डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने पर अधिकतम सात साल की जेल हो सकती हो सकती है. गृहमंत्री ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया था.
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नई दिल्ली: डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों पर हमला करने वालों पर हमला करने वालों को सात सात की जेल होगी. डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों पर हमले के खिलाफ मोदी सरकार को अध्यादेश लेकर आयी वो अब लागू हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अध्यादेश लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो गई है.
इस अध्यादेश के लागू होने के बाद डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने पर अधिकतम सात साल की जेल हो सकती हो सकती है. इसके साथ ही भारी जुर्माना का भी सामना करना पड़ेगा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इन हमलों के ख़िलाफ़ विरोध भी जताया था.
अध्यादेश के ज़रिए महामारी क़ानून 1897 में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं. प्रस्तावित क़ानून का सबसे अहम पहलू ये है कि इसमें डॉक्टरों को कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई के चलते मकान मालिकों द्वारा घर छोड़ने जैसी घटनाओं को भी उत्पीड़न मानते हुए एक तरह की सज़ा का प्रावधान किया गया है.
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कैबिनेट की बैठक के बाद फ़ैसले का ऐलान करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मेडिकल टीमों के ख़िलाफ़ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रस्तावित क़ानून में डॉक्टरों , नर्सों और पैरामेडिक स्टॉफ समेत अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला या उत्पीड़न को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में ग़ैर जमानती बना दिया गया है. ऐसे मामलों में मुक़दमा 1 महीने में शुरू करने और 1 साल के भीतर केस का फ़ैसला हो जाने का प्रावधान किया गया है. दोषी पाए जाने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान किया गया है. इसका आधार हमले और उत्पीड़न की गम्भीरता को बनाते हुए सज़ा को दो श्रेणी में बांटा गया है. अगर अपराध ज़्यादा गम्भीर नहीं है तो सज़ा के तौर पर 3 महीने से 5 साल तक की क़ैद हो सकती है.
साथ ही 50 हज़ार से 2 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. वहीं अगर गम्भीर हानि हुई तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक क़ैद की सज़ा के साथ साथ 1 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में सरकार की तैयारी लगातार जारी है. इस क्रम में अबतक देश में कुल 723 कोरोना समर्पित अस्पताल बनाए जा चुके हैं. इनमें कुल 1.86 लाख बेडों की व्यवस्था हो गई है जिनमें 24 हज़ार बेड आईसीयू बेड हैं. आईसीयू बेडों में 12190 बेड वेंटिलेटर के साथ हैं.
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