वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की ओर से कहा गया कि उसकी जम्मू कश्मीर संबंधी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ ही उसने क्षेत्र में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली का स्वागत किया.


अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो के जरिए ट्वीट के माध्यम से जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट सुविधा के बहाल होने के कदम का स्वागत किए जाने के बीच मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा, 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि क्षेत्र में अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.'


विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो ने ट्वीट किया था, 'भारत के जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सुविधा बहाल होने का हम स्वागत करते हैं. यह स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और हम जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनीतिक एवं आर्थिक प्रगति जारी रखने को लेकर आशावान हैं.'


समूचे जम्मू-कश्मीर में पांच फरवरी को 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी. ठीक डेढ़ साल पहले अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था, जिसके बाद 4जी इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी.


पाकिस्तान को निराशा


इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग के जरिए जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल होने का जिक्र अपने ट्वीट में करने पर पाकिस्तान ने निराशा जाहिर की. इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के दर्जे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों में और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जरिए विवादित माना गया है, ऐसे में यह जिक्र असंगत है.'


भारत में ट्विटर के कुछ अकाउंट बंद करने के सवाल पर प्राइस ने कहा, 'हम अभिव्यक्ति की आजादी समेत लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करना जारी रखेंगे. मुझे लगता है कि ट्विटर की नीतियों के संबंध में आपको ट्विटर से ही सवाल करना चाहिए.' इसी तरह के सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, 'निश्चित रूप से दुनिया में कहीं भी अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगने और लोगों को संवाद करने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने से हम चिंतित होते हैं.'


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