नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोदी कैबिनेट से अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. हरसिमरत कौर ने गुरुवार को कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. अब राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उनके मौजूदा विभागों के अलावा उद्योग मंत्रालय का प्रभार सौंपा जाए.
हरसिमरत कौर ने कहा, "मैंने देश और पंजाब के किसानों का साथ दिया. जो कई दिनों से सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं. हमारी मांग यही थी कि इस अध्यादेश को लेकर जो शंका है, उसे दूर किया जाए. आज मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं होना चाहती, जिसने शंका को दूर किए बिना अध्यादेश पास करने का फैसला किया."
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इन विधेयकों के खिलाफ नाराजगी जताई है. सुखबीर बादल ने कहा, "हमने किसान की भावनाएं केंद्र सरकार को बताने की कोशिश की, लेकिन जब केंद्र सरकार ने किसान की शंका को दूर नहीं किया और तुरंत संसद में बिल लेकर आ गए तो हमारी पार्टी ने फैसला किया कि हम इसका विरोध करेंगे. पार्टी कोर कमेटी की बैठक जल्द होगी."
दो कृषि विधेयक लोकसभा में पास
देश में कृषि सुधार के लिए दो अहम विधेयकों को लोकसभा ने गुरुवार को मंजूरी दे दी. विपक्षी दलों के विरोधों के बीच कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 और मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा विधेयक 2020 संसद के निम्न सदन में ध्वनिमत से पारित हो गए हैं. विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष की आशंकाओं को दूर करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन को आश्वस्त किया कि इन दोनों विधेयकों से फसलों के एमएसपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और किसानों से एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू किया और फसलों का एमएसपी डेढ़ गुना बढ़ाया. सरकार पूरी तरह किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है. तोमर ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एक राष्ट्र एक कृषि बाजार की बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 में ही की थी. उन्होंने यह बात कांग्रेस सदस्यों द्वारा विधेयकों के विरोध पर कही.
किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों प्रमुख बिलों पर मचे घमासान के बीच स्पष्ट किया कि एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी. विधेयकों से किसानों को लाभ होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने बिलों के विरोध को लेकर कहा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, "लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे."
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