राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में भारत-चीन सीमा तनाव का किया जिक्र
संसद में आज अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का भी जिक्र किया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि देश की रक्षा हेतु सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है. वहीं उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता पर भी सरकार जोर दे रही है.
संसद में बजट सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई. राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा तनाव का जिक्र भी किया गया. इस दौरान उन्होंने गलवान घाटी में पिछले साल चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए शहीद हुए 20 जवानों को याद किया और कहा कि सरकार देश की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है.
गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को किया याद
बता दें कि अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने गलवान के शहीदों को याद करते हुए कहा कि, ''जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है. मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है.
एलएसी पर अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती की गई
राष्ट्रपति ने कहा कि LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है. हमारे स्वाधीनता संग्राम के दौरान देशभक्ति के अमर गीतों की रचना करने वाले मलयालम के श्रेष्ठ कवि वल्लथोल ने कहा है, 'भारतम् ऐन्ना पेरू केट्टाल अभिमाना पूरिदम् आगनम् अंतरंगम्.' अर्थात, जब भी आप भारत का नाम सुनें, आपका हृदय गर्व से भर जाना चाहिए.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर
राष्ट्रपति ने कहा, ''रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है. कुछ दिन पहले ही सरकार ने HAL को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है. हमें गर्व है कि ISRO के वैज्ञानिक चंद्रयान-3, गगनयान, और Small Satellite Launch Vehicle जैसे महत्वपूर्ण अभियानों पर काम कर रहे हैं. कुछ महीने पहले काकरापार में देश के पहले स्वदेशी pressurized heavy water reactor का सफल परीक्षण किया गया है.''
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