नई दिल्लीः संसद में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हुई. इस दौरान राष्ट्रपति ने कई मुद्दों का जिक्र किया जैसे कोरोना संकट से लेकर सीमा पर तनाव संबंधित मुद्दे उनके अभिभाषण में शामिल रहे. राष्ट्रपति ने कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन का भी जिक्र किया. उन्होंने 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को दुखद बताया
गणतंत्र दिवस और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान बेहद दुखद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि, पिछले दिनों गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान किया गया. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.
किसानों के हित में हैं सरकार के कृषि कानून
इसके साथ ही राष्ट्रपति ने सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया. उन्होंने कहा कि 'व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं. इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ. छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था.'' उन्होंने कहा, ''वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.
सरकार किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध करा रही है.
राष्ट्रपति ने कहा, ''मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं. कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है. इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है.''
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