MHADA Act 1976: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है. इससे उन लोगों को खास फायदा होगा, जिनके घर बनाने संबंधी निर्माण कार्य कई वर्षों से किसी न किसी कारण से रुके हुए हैं. अब मुंबई शहर में खतरनाक और रुके हुए भवनों के पुनर्विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके लिए राष्ट्रपति मुर्मू को धन्यवाद दिया है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि अब इस नए कानून के जरिए से विभिन्न कारणों से अधूरे/रुके हुए सेस निर्माण परियोजनाओं को टेकओवर करना और उनका पुनर्विकास करना संभव होगा. उन्होंने बताया कि मुंबई शहर में मौजूदा समय में 56 से अधिक उपकर भवनों का पुनर्विकास रुका हुआ था या अधूरा था.
अधूरी इमारतों को अब पूरा कराएगी म्हाडा
इस बिल के पास होने के बाद, म्हाडा (MHADA) सीधे ऐसी इमारतों को अपने कब्जे में ले सकती है और उनका पुनर्विकास कर सकती है. साथ ही यदि मुंबई नगर निगम किसी उपकर इमारत को खतरनाक घोषित करता है तो संपत्ति के मालिक को पहले उसकी इमारत के पुनर्विकास का अवसर दिया जाएगा. यदि वह 6 महीने के भीतर पुनर्विकास प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करता है तो किरायेदार को दूसरा मौका दिया जाएगा.
इन कानून से क्या फायदा होगा?
यदि वे इन दोनों प्रयासों के विफल होने के बाद 6 महीने के भीतर पुनर्विकास का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करते हैं तो म्हाडा भवनों का कब्जा ले सकती है और उनका पुनर्विकास कर सकती है. अधिनियम पुनर्गणना करने वाले के 25 प्रतिशत या बिक्री इकाई के निर्मित क्षेत्र के 15 प्रतिशत (जो भी अधिक हो) की दर से संबंधित घरों के मालिक या भूमि के मालिक को मुआवजे का प्रावधान करता है, लिहाजा वर्षों से रुके हुए सेस भवनों के पुनर्विकास की राह अब पटरी पर आएगी.
50 से अधिक इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास (म्हाडा) अधिनियम 1976 में संशोधन से जुड़े विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर होने से मुंबई की उन 50 से अधिक इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ हो गया है, जिन्हें खतरनाक घोषित किया गया था. 28 जुलाई 2022 को राज्य सरकार ने ऐसी लंबित पुनर्विकास योजनाओं और लंबित अदालती मामलों के सभी दस्तावेज, केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपे थे.
ये भी पढ़ें-Maharashtra News: डिप्टी CM फडणवीस बोले- 'द कश्मीर फाइल्स' में सच दिखाया गया, आदित्य ठाकरे ने कही ये बात