संविधान दिवस पर संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी राष्ट्रपति मुर्मू, नहीं होगा PM मोदी का संबोधन, जानिए राजनीतिक कारण
Constitution Day: . इस कार्यक्रम से विपक्ष संतुष्ट है. वरना पहले विपक्षी ख़ेमे में पीएम के भाषण के बहिष्कार की रणनीति बनाई जा रही थी.
Constitution Day: संविधान दिवस के मौके पर 26 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में संविधान को अंगीकार करने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर सिक्का और डाक टिकट जारी भी जारी किया जाएगा.
संविधान से जुड़ी कुछ किताबों के साथ–साथ संस्कृत और मैथिली में संविधान की कॉपी जारी की जाएगी. अगले साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में मैथिली भाषा में संविधान की कॉपी जारी करने के सियासी मतलब भी निकाले जा रहे हैं.
नहीं होगा पीएम मोदी का संबोधन
हालांकि संविधान दिवस के मौक़े पर एक अलग सियासी पेंच उलझता हुआ नज़र आया था जो समय रहते ही सुलझ गया. दरअसल विपक्ष को उम्मीद थी कि इस कार्यक्रम में पीएम मोदी का भाषण हो सकता है. ऐसे में विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष से मांग की थी कि दोनों सदनों के नेता विपक्ष यानी राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को भी बोलने का मौका मिले. हालांकि ये संभावित विवाद सुलझ गया है क्योंकि संविधान दिवस के कार्यक्रम की कार्यसूची में पीएम मोदी के भाषण का जिक्र नहीं है. यानि पीएम का संबोधन नहीं होगा.
कब शुरू होगा कार्यक्रम
ग्यारह बजे पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में ग्यारह बजे कार्यक्रम शुरू होगा. सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष स्वागत भाषण देंगे और फिर उप राष्ट्रपति बोलेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति का संबोधन होगा. और फिर राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रस्तावना पढ़ी जाएगी. इस कार्यक्रम से विपक्ष संतुष्ट है. वरना पहले विपक्षी ख़ेमे में पीएम के भाषण के बहिष्कार की रणनीति बनाई जा रही थी.
बहरहाल अब कोई विवाद नहीं है. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक़ संविधान दिवस के कार्यक्रम के मंच पर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और पीएम के साथ दोनों सदन के नेता विपक्ष भी मौजूद रहेंगे.
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