नई दिल्ली: जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर आज से 25 मार्च तक की भारत यात्रा पर आ रहे हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार स्टेनमेयर भारत दौरे पर हैं. इससे पहले वे विदेश मंत्री के तौर पर भारत आए थे. 14 मार्च 2018 को जर्मनी में नई सरकार बनी है जिसमें स्टेनमेयर राष्ट्रपति चुने गए हैं. इस यात्रा के दौरान वे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक स्टेनमेयर का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है.


फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी जाएंगे. अपनी यात्रा के दौरान स्टेनमेयर वाराणसी के अलावा चेन्नई का भी दौरा करेंगे. स्टेनमेयर के साथ जर्मनी के बड़े उद्योगपति और भारत संबंधी विषय के जानकारों का एक प्रतिनिधिमंडल आ रहा है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि जर्मनी के साथ भारत के संबंध द्विपक्षीय और वैश्विक संदर्भ में हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है.


साल 2000 में सामरिक भागीदारी स्थापित होने के बाद से दोनों देशों की सरकारों ने इस संबंध को गहराने की कोशिश की है. मंत्रालय के अनुसार, भारत की अनेक क्षेत्रों में मौजूदा प्राथमिकताएं जर्मनी की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाना है. भारत ऊर्जा, कौशल विकास, स्मार्ट सिटी, जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में जर्मनी की मदद लेगा. जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.


स्टेनमेयर इससे पहले विदेश मंत्री और वाइस चांसलर के तौर पर कई बार भारत की यात्रा पर आ चुके हैं. इससे पहले फरवरी 2014 में जर्मनी के राष्ट्रपति के रूप में जाकिम गॉच भारत की यात्रा पर आए थे. जर्मनी में 15 हजार से अधिक भारतीय छात्र हैं जबकि भारत में साल 2017 में 800 से अधिक जर्मन छात्रों ने इंटर्नशिप की.