कैबिनेट की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने भंग की 17वीं लोकसभा, आज सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है NDA
President Droupadi Murmu: दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है. जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है.
President Droupadi Murmu: कैबिनेट की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17वीं लोकसभा भंग की. दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद के साथ राष्ट्रपति को इस्तीफ़ा सौंपा, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया. वहीं, राष्ट्रपति ने पीएम और उनकी मंत्रिपरिषद से नई सरकार के गठन तक कार्यभार संभाले रखने का निवेदन किया है.
राष्ट्रपति भवन के सोशल मीडिया एक्स पर लिखा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17वीं लोकसभा को तत्काल प्रभाव से भंग करने की कैबिनेट की सलाह स्वीकार कर ली है. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 85 के खंड (2) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए 17वीं लोकसभा को भंग करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए.
President Droupadi Murmu has accepted advice of the Cabinet to dissolve the 17th Lok Sabha with immediate effect. The President signed the Order dissolving the 17th Lok Sabha in exercise of the powers conferred upon her by Sub-clause (b) of Clause (2) of Article 85 of the…
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 5, 2024
BJP नहीं पार कर पाई बहुमत का आंकडा
वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे मंगलवार को आए, जिसमें एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं. हालांकि, तीन हिन्दी भाषी राज्यों में बीजेपी को बड़ी संख्या सीटों का नुकसान हुआ है. बीजेपी के उम्मीदवारों ने इस बार भी मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी 240 सीट जीत पाई जो कि बहुमत के लिए 272 सीट के आंकड़े से कम है. ऐसे में भाजपा को सरकार बनाने के लिए एनडीए में सहयोगी दलों के समर्थन की जरूरत है.
कांग्रेस की सीटों में हुआ इजाफा
वहीं कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि, राजस्थान और हरियाणा में कांग्रेस के पहले से बेहतर प्रदर्शन के कारण इन राज्यों में बीजेपी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा. समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 37 सीट जीतकर ‘इंडिया’ को मजबूत स्थिति में ला दिया है, जबकि विपक्षी गठबंधन के एक अन्य प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में 29 सीटों के साथ टीएमसी चौथे नंबर पर रही है, जो साल 2019 की 22 सीट की तुलना में ज्यादा है.