नई दिल्ली: रेप पर सबसे सख्त कानून रविवार से लागू हो गया है. अब 12 साल से कम उम्र की नाबालिगों से रेप पर मौत की सजा मिलेगी. अध्यादेश पर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर चली ढाई घंटे की कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया था.
10 महीने में खत्म करना होगा केस
नए कानून के मुताबिक, नाबालिगों से रेप के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की व्यवस्था की जाएगी. फॉरेंसिक जांच के जरिए सबूतों को जुटाने की व्यवस्था को और मजबूत करने की व्यवस्था भी की जाएगी. इतना ही नहीं दो महीने में ट्रायल पूरा करना होगा. अगर अपील दायर होती है तो 6 महीने में निपटारा करना होगा. नाबालिग के साथ बलात्कार के केस को कुल 10 महीने में खत्म करना होगा.
महिला से रेप पर दस साल से उम्रकैद की सजा
आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018 के मुताबिक, किसी महिला से बलात्कार के मामले में अब न्यूनतम सजा 10 साल के कठोर कारावास की होगी जो उम्रकैद तक विस्तारित हो सकती है. उम्रकैद का मतलब है कि व्यक्ति को जीवन के अंत तक रिहा नहीं किया जाएगा.
दिसम्बर 2012 में निर्भया मामले के बाद आपराधिक कानूनों में संशोधन किया गया था. इसके तहत किसी भी महिला से बलात्कार के लिए न्यूनतम सजा सात साल की कठोर कारावास रखी गई थी. जम्मू कश्मीर के कठुआ और गुजरात के सूरत जिले में हाल ही में लड़कियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है.
यहां जानें कानून में सजा, जांच प्रक्रिया और अदालती कार्रवाई
सजा:
- नवजात से लेकर 12 साल की कम उम्र तक की नाबालिग का बलात्कार करने वालों को कम से कम 20 साल या ताउम्र सजा या फिर मौत की सजा हो सकती है.
- नवजात से लेकर 12 साल की कम उम्र तक की नाबालिग के सामूहिक बलात्कार की स्थिति में या तो पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी होगी या फिर मौत की सजा.
- 12 साल से 16 साल की उम्र की नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार की सूरत में दोषियों को पूरी उम्र जेल में गुजारनी होगी.
- 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार करने के दोषी के लिए कम से कम 20 साल जेल में गुजारनी होगी जिसे पूरी जिंदगी तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. अभी कम से कम सजा 10 साल के लिए है.
- 16 साल से ऊपर की उम्र के किसी से बलात्कार होता है तो उसके लिए कम से कम 10 साल जेल की सजा होगी जिसे पूरी जिंदगी तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. अभी कम से कम सजा 7 साल के लिए है.
जांच प्रक्रिया और अदालती कार्रवाई:
- बलात्कार के सभी मामलों की जांच का काम दो महीने में पूरा करना जरुरी होगा.
- मुकदमे पर बहस वगैरह के लिए भी दो महीने का वक्त तय किया गया है.
- वहीं अपील को 6 महीने के भीतर निबटाना होगा.
जमानत:
- 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के बलात्कार, चाहे वो सामूहिक बलात्कार ही क्यों ना हो, के मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी.
- 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के बलात्कार के मामले में जमानत की याचिका पर सुनवायी के पहले प्रभावित बेटी के प्रतिनिधियों और सरकारी वकील को 15 दिन का नोटिस मिलेगा.
- व्यवस्था में सुधार.
- नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे.
- सरकारी वकीलों के नए पद घोषित होंगे.
- सभी थानों और अस्पतालों में बलात्कार पीड़िता के लिए फोरेंसिक किट उपलब्ध कराए जाएंगे.
- बलात्कार से जुड़े मामलों को समयबद्ध तरीके से निबटाने के लिए विशेष तौर पर अधिकारियों-कर्मचारियों की नियुक्ति होगी.
- हर राज्य व केंद्र शासित प्रदेश में बलात्कार से जुड़े मामलों के लिए विशेष फॉरेसिंग लैब बनाए जाएंगे.
सरकार का कहना है कि तमाम उपायो को तीन महीने में अमली जामान पहनाने का लक्ष्य ऱखा गया है. इसके साथ ही ये भी तय हुआ है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में यौन अपराधियों का प्रोफाइल तैयार किया जाएगा और तमाम राज्य आपस में इस जानकारी को साझा करेंगे.
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