नई दिल्ली: 73वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश को आजादी की सालगिरह की बधाई दी. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने हाल ही में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के सरकार के कदम की सराहना भी की. राष्ट्रपति ने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर और लद्दाख के निवासी लाभान्वित होंगे. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में तीन तलाक के खिलाफ बनाए गए कानून का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'तीन तलाक’ जैसे अभिशाप के समाप्त हो जाने से वहां की हमारी बेटियों को भी न्याय मिलेगा तथा उन्हें भयमुक्त जीवन जीने का अवसर मिलेगा.


राष्ट्रपति ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे. वे भी अब उन सभी अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे जो देश के दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को मिलती हैं. वे भी अब समानता को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील क़ानूनों और प्रावधानों का उपयोग कर सकेंगे. ‘शिक्षा का अधिकार’ कानून लागू होने से सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. ‘सूचना का अधिकार’ मिल जाने से, अब वहां के लोग जनहित से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे; पारंपरिक रूप से वंचित रहे वर्गों के लोगों को शिक्षा व नौकरी में आरक्षण तथा अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.''


राष्ट्रपति ने कहा, ''यह स्वाधीनता दिवस भारत-माता की सभी संतानों के लिए बेहद खुशी का दिन है, चाहे वे देश में हों या विदेश में. आज के दिन हम सभी को देशप्रेम की भावना का और भी गहरा अनुभव होता है. इस अवसर पर, हम अपने उन असंख्‍य स्वतन्त्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाने के लिए संघर्ष, त्‍याग और बलिदान के महान आदर्श प्रस्‍तुत किए. स्वाधीन देश के रूप में 72 वर्षों की हमारी यह यात्रा, आज एक खास मुकाम पर आ पहुंची है. ''


संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों में हुए रिकॉर्ड काम की भी राष्ट्रपति ने प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ''मुझे इस बात की प्रसन्‍नता है कि संसद के हाल ही में संपन्न हुए सत्र में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की बैठकें बहुत सफल रही हैं. राजनीतिक दलों के बीच परस्‍पर सहयोग के जरिए, कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए हैं. इस सफल शुरुआत से मुझे यह विश्वास हो रहा है कि आने वाले पांच वर्षों के दौरान संसद, इसी तरह से उपलब्धियां हासिल करती रहेगी. मैं चाहूंगा कि राज्यों की विधानसभाएं भी संसद की इस प्रभावी कार्य संस्कृति को अपनाएं. ''


राष्ट्रपति ने कहा, ''मतदाताओं और जन-प्रतिनिधियों के बीच, नागरिकों और सरकारों के बीच, तथा सिविल सोसायटी और प्रशासन के बीच आदर्श साझेदारी से ही राष्ट्र-निर्माण का हमारा अभियान और मजबूत होगा. इस साझेदारी में सरकार की भूमिका लोगों की सहायता करने और उन्हें समर्थ बनाने की है. इसके लिए, हमारी संस्थाओं और नीति निर्माताओं को चाहिए कि नागरिकों से जो संकेत उन्‍हें मिलते हैं, उन पर पूरा ध्यान दें और देशवासियों के विचारों तथा इच्छाओं का सम्मान करें.''


स्वतंत्रता दिवस पर अपनी सरकार की प्रशंसा और आगे के रोडमैप पर राष्ट्रपति ने कहा, 'देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, सरकार अनेक बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रही है. गरीब से गरीब लोगों के लिए घर बनाकर, और हर घर में बिजली, शौचालय तथा पानी की सुविधा देकर, सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत बना रही है. हर देशवासी के घर में नल के जरिए पीने का पानी पहुंचाने, किसान भाई-बहनों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने और देश में कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की समस्या का प्रभावी समाधान करने के लिए जल-शक्ति के सदुपयोग पर विशेष बल दिया जा रहा है. जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ-साथ हम सभी देशवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.''


उन्होंने कहा, ''रेलयात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जा रहा है. मेट्रो-रेल की सेवा के जरिए अनेक शहरों में लोगों का आवागमन आसान किया जा रहा है. छोटे शहरों को भी हवाई यात्रा की सुविधा से जोड़ा जा रहा है. नए बंदरगाह बनाए जा रहे हैं. साथ ही अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, हवाई-अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस-अड्डों और बन्दरगाहों को आधुनिक बनाया जा रहा है.''


डिजिटल इंडिया और बैंकिंग सुविधाओ पर राष्ट्रपति ने कहा, ''सामान्य व्यक्ति के हित में, बैंकिंग सुविधा को अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाया गया है. उद्यमियों के लिए कर-व्यवस्था और पूंजी की उपलब्‍धता आसान बनाई गई है. डिजिटल इंडिया के माध्यम से सरकार, लोगों तक नागरिक सुविधाएं तथा उपयोगी जानकारी पहुंचा रही है.''


राष्ट्रपति ने देश के आम नागरिकों से भी देश के विकास में योगदान देने की अपील की. उन्होंने कहा, ''समाज और राष्ट्र के विकास के लिए बनाए गए इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का सदुपयोग करना और उसकी रक्षा करना, हम सभी का कर्तव्य है. यह इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर हर भारतवासी का है, हम सब का है क्योंकि यह राष्ट्रीय संपत्ति है. राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा भी, स्वाधीनता की रक्षा से जुड़ी हुई है. हमारे जो कर्तव्यनिष्ठ नागरिक राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा करते हैं वे देशप्रेम की उसी भावना और संकल्प का परिचय देते हैं, जिसका प्रदर्शन हमारे सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और पुलिस बल के बहादुर जवान और सिपाही देश की कानून-व्यवस्था बनाए रखने व सीमाओं की रक्षा में करते हैं.''