नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से एक विशेष रेल से कानपुर रवाना हुए. राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में स्थित अपने जन्मस्थान परौंख का दौरा करेंगे. राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद राष्ट्रपति कोविंद का अपने गांव का यह पहला दौरा है. ख़ास बात ये है कि रेलवे ने राष्ट्रपति कोविंद की ट्रेन को ‘राष्ट्रपति का ट्रेन सेलून’ या ‘प्रेसिडेंशियल सेलून’ का नाम नहीं दिया है.
बंद हो गई राष्ट्रपति सेलून की परम्परा
रेलवे ने बताया कि आजादी के बाद से उपयोग में लाये जा रहे ‘राष्ट्रपति सेलून’ की सेवाओं को ख़ुद राष्ट्रपति के निर्देश पर बंद कर दिया गया था. इससे सेलून के सालाना नवीनीकरण और रख-रखाव पर आने वाले करोड़ों रुपए के खर्च की बचत हुई है.
रेलवे ने राष्ट्रपति से की थी रेल यात्रा करने की गुज़ारिश
रेलवे के अनुसार कोविड महामारी के बाद जब देश में फिर से कामकाज और रोज़गार की शुरुआत हुई तो भारतीय रेलवे ने राष्ट्रपति से इस जन-परिवहन प्रणाली से यात्रा करने का अनुरोध किया था. इसके लिए नई दिल्ली से महामहिम के पैतृक गांव के लिए एक विशेष रेलगाड़ी चलाई गई.
राष्ट्रपति की यात्रा से रेल कर्मियों में उत्साह
रेलवे राष्ट्रीय प्रवक्ता का कहना है कि राष्ट्रपति की इस यात्रा से से उन रेलकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा जिन्होंने महामारी के कठिन समय के दौरान लगन और मेहनत से अपनी सेवाएं दी हैं. इससे लोगों को व्यापार, पर्यटन और अन्य उद्देश्यों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में रेलगाड़ियों से यात्रा करने का प्रोत्साहन मिलेगा और साथ ही रेलयात्रा में उनका भरोसा भी बढ़ेगा.
राष्ट्रपति का कार्यक्रम
राष्ट्रपति को ले जाने वाली यह विशेष रेलगाड़ी कानपुर देहात के झींझक व रूरा रेलवे स्टेशनों पर ठहरेगी जहां राष्ट्रपति अपने परिचितों से मुलाकात करेंगे. 28 जून को राष्ट्रपति कोविंद कानपुर रेलवे स्टेशन से राज्य की राजधानी लखनऊ का दो दिवसीय दौरा करेंगे. 29 जून को राष्ट्रपति लखनऊ से एक विशेष विमान से दिल्ली वापस लौटेंगे.
स्टेशन पर रेल मंत्री ने किया राष्ट्रपति का स्वागत
राष्ट्रपति के सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन पहुँचने पर वहां रेलमंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने उनका स्वागत किया. इस मौक़े पर उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष गंगल, डीआरएम एस.सी.जैन और रेलवे बोर्ड एवं उत्तर रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे. राष्ट्रपति द्वारा अपनी यात्रा के लिए रेलवे का उपयोग करने पर रेलमंत्री ने उन्हें धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि कोरोना महामारी के पश्चात भारतीय रेलवे का विशाल नेटवर्क बहुत जल्द ही देश के आर्थिक गौरव को फिर से हासिल करने में सहायक होगा.
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